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रोबोट आने वाले समय में मानव का विकल्प

इंटीग्रा माइक्रो सिस्टम बंगलौर के उपाध्यक्ष अनिमेश बिसारिया ने सूचना प्रोद्योगिकी उद्योग में नव प्रवृतियां विषय पर कहा कि रोबोट आने वाले समय में मानव का विकल्प होंगे अगली पीढ़ी को इसे हमसफर बनाना होगा। उन्होंने कहा कि इंजीनियरिग के छात्रों एवं कारपोरेट के बीच की दूरी को कम करना चाहिए।

By JagranEdited By: Published: Sat, 11 Jan 2020 07:31 PM (IST)Updated: Sun, 12 Jan 2020 06:09 AM (IST)
रोबोट आने वाले समय में मानव का विकल्प
रोबोट आने वाले समय में मानव का विकल्प

जागरण संवाददाता, मल्हनी (जौनपुर): इंटीग्रा माइक्रो सिस्टम बंगलौर के उपाध्यक्ष अनिमेश बिसारिया ने सूचना प्रोद्यौगिकी उद्योग में नव प्रवृतियां विषय पर कहा कि रोबोट आने वाले समय में मानव के विकल्प होंगे। अगली पीढ़ी को इसे हमसफर बनाना होगा। इंजीनियरिग के छात्रों एवं कारपोरेट के बीच की दूरी को कम करना चाहिए। यह बातें उन्होंने शनिवार को पूर्वांचल विश्वविद्यालय के प्रोफेसर राजेंद्र सिंह भौतिकी विज्ञान संस्थान के आर्यभट्ट सभागार में इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कंप्यूटर विज्ञान इंजीनियरिग के नव प्रवृत्तियों विषयक दोदिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में कही।

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आइआइटी कानपुर के प्रो.भीम सिंह ने कहा कि ई-रिक्शा में लिथियम आयन बैट्री का प्रयोग किया जाएगा तो वह जल्द चार्ज हो जाएंगे और उनका एक दिन में अधिक प्रयोग किया जा सकेगा। वाहन बाजार में आएंगे और इनकी मांग बढ़ेगी। आइआइटी रुड़की के प्रो.जगदीश राय ने कहा कि प्राचीन भारत में हर क्षेत्र में उच्च स्तरीय शोध हुआ है। आर्यभट्ट ने पांचवीं शताब्दी में ग्रहों का सूर्य के चारों तरफ घूमना व परिधि को बताया था। 1771 में पैदा हुए कैपलर को हम इसका श्रेय देते हैं। आर्यभट्ट पहले व्यक्ति थे जिन्होंने पृथ्वी की परिधि और त्रिज्या को एकदम सही बताया था। उन्होंने शून्य का ज्ञान हमें दिया और दशमलव प्रणाली बताई। आइआइटी इलाहाबाद के प्रो.जीसी नंदी ने कहा कि दिव्यांग एवं मंदबुद्धि के लोगों के लिए रोबोटिक्स महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। पोस्टर प्रतियोगिता में संदीप प्रथम

अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में 37 प्रतिभागियों ने पोस्टर के माध्यम से अपनी बात रखी। इसमें संदीप यादव की टीम को प्रथम, डा.राजकुमार सोनी को द्वितीय, मनीष प्रताप सिंह व पारुल त्रिवेदी की टीम को तृतीय पुरस्कार मिला। पोस्टर प्रतियोगिता में प्रो.एलएन हाजरा, प्रो.जगदीश राय एवं डॉ.नाग रत्ना निर्णायक मंडल में रहे। कुलपति के ठुमरी और तराने पर खूब बजी तालियां

मल्हनी (जौनपुर): दोदिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में शुक्रवार की शाम सांस्कृतिक संध्या में कुलपति प्रोफेसर राजाराम यादव के ठुमरी और तराने ने जहां श्रोताओं के मन में जोश पैदा किया, वहीं कथक नृत्य ने लोगों को झकझोर कर रख दिया। साथ ही मनीष शर्मा और ऋचा पांडेय की घूंघरू की खनक ने पूरे सभागार को झूमने पर मजबूर कर दिया। समारोह का शुभारंभ प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पंडित सत्य प्रकाश मिश्र ने राग यमन से की। कुलपति प्रो. राजाराम यादव ने कैसे करी बरजोरी..जैसे ही सुनाया पूरा हाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजने लगा। इसके बाद ना मानूंगी पिया प्यारे तोरे कृष्ण की मनाए बिन.. और उनके तराने का आनंद दर्शकों ने उठाया। उनके साथ बंगलुरू से आए प्रोफेसर गोपाल कृष्ण राव ने तबले पर संगत की।

इस मौके पर कलाकारों को कुलपति प्रो.राजाराम यादव, प्रो.भीम सिंह, प्रो.बीबी तिवारी ने स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। संचालन डा.मनोज मिश्र ने किया।

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बोले बुद्धिजीवी :-

दैनिक जीवन के सभी आयामों में संगणक विज्ञान के विनियोग से विभिन्न क्षेत्रों का पुन: परिभाषण हो रहा है। तत्संबंधी चिताओं और चुनौतियों के उचित समायोजन हेतु संगणक विज्ञान एवं अभियांत्रिकी के शोध विषयों का भी पुन: परिभाषण हुआ है।

-प्रो.अनिल त्रिपाठी, आइआइटी बीएचयू। भारतीय अंतरिक्ष प्रोग्राम इंसानों के जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष मिशन, चंद्रयान दो मार्स आर्बिटर मिशन एवं ह्यूमन स्पेस प्रोग्राम के बारे में बताया।

-प्रो.अमित कुमार सिंह,भारतीय अंतरिक्ष इसरो बंगलोर।


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