अपशब्द कहे जाने पर भड़कीं आगनबाड़ी, प्रदर्शन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जहां आशा, आंगनबाड़ी, एनएमएम और मुख्य सेविकाओं की मंगलवार को अपने संबोधन में जमकर तारीफ किए, वहीं स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डा. रफीक फारुखी ने टीवी पर पीएम की भाषण सुनने बैठी इन्हीं कार्यकर्ताओं को मामूली बात को लेकर हुए कहासुनी में बदमाश तक कह दिया। दुर्व्यवहार किए जाने का आरोप लगाते हुए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अस्पताल में हंगामा करते हुए नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया, हालांकि स्थिति बिगड़ती देख चिकित्साधीक्षक ने माफी तक मांग लिया।
जागरण संवाददाता, मछलीशहर (जौनपुर) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जहां आशा, आंगनबाड़ी, एनएमएम और मुख्य सेविकाओं की मंगलवार को अपने संबोधन में जमकर तारीफ की, वहीं स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डा. रफीक फारुखी ने टीवी पर पीएम का भाषण सुनने बैठी इन्हीं कार्यकर्ताओं में से एक को मामूली बात को लेकर हुए कहासुनी में अपशब्द तक कह दिया। दुर्व्यवहार किए जाने का आरोप लगाते हुए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अस्पताल में हंगामा करते हुए प्रदर्शन किया, हालांकि स्थिति बिगड़ती देख चिकित्साधीक्षक ने माफी तक मांग लिया।
प्रधानमंत्री के भाषण सुनने के लिए सुबह अस्पताल में टीवी की व्यवस्था की गई थी। यहां पीएम ने के संबोधन को सुनने आई आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा, एएनएम और मुख्य सेविकाओं संख्या अधिक होने पर कइयों को जमीन पर बैठा दिया गया। इसे लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने आपत्ति जताई। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता जड़ावती देवी सहित कई कार्यकर्ताओं ने अस्पताल में बुलाकर किसी प्रकार की सुविधा न देने का आरोप लगाना शुरू कर दिया। इसे लेकर उनकी सीएचसी के अधीक्षक डा. रफीक फारुखी से कहासुनी हो गई। आरोप है कि दुर्व्यवहार करते हुए चिकित्साधीक्षक ने बाहर तक जाने की बात कह दिया। आपत्तिजनक शब्द सुनते ही सभी अधीक्षक के खिलाफ लामबंद होकर नारेबाजी करने लगी। जानकारी होने पर अस्पताल पहुंचे सीडीपीओ दीपक चौबे ने प्रदर्शनकारियों को अधीक्षक द्वारा माफी मांगने की जानकारी देकर शांत कराया। कार्यक्रम में संख्या अधिक हो जाने पर बाहर जा रही कार्यकर्ताओं को मैंने लाइव कार्यक्रम पूरा देखकर जाने के साथ बदमाशी नहीं करने की बात कहीं, ¨कतु उन्होंने मेरी बात का और मतलब निकाल लिया गया। इसके बाद मैंने अपनी बात को लेकर उनसे खेद जाहिर किया। साथ ही माफी मांगी, लेकिन वे हंगामा करने लगी।
- डा. रफीक फारुखी अधीक्षक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र