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बारिश व ओलावृष्टि ने तोड़ी किसानों की कमर

जनपद में मंगलवार की भोर अचानक मौसम खराब हो गया। बादलों की गड़गड़ाहट के साथ कई चक्रों में रुक-रुककर झमाझम हुई बारिश ने फाल्गुन माह में भादो माह का एहसास करा दिया। तेज हवाओं के साथ पड़े ओलों से दलहनी तिलहनी गेहूं और आम की फसल को काफी नुकसान हुआ है। बारिश व ओले पड़ने से पुन ठंड लौट आई। मौसम विज्ञानी के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के चलते ऐसी स्थिति आई।

By JagranEdited By: Published: Tue, 25 Feb 2020 06:54 PM (IST)Updated: Tue, 25 Feb 2020 06:54 PM (IST)
बारिश व ओलावृष्टि ने तोड़ी किसानों की कमर
बारिश व ओलावृष्टि ने तोड़ी किसानों की कमर

जागरण संवाददाता, जौनपुर: तेज हवाओं के साथ हुई बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि ने किसानों की कमर तोड़ दी है। मंगलवार की भोर में अचानक मौसम खराब हो गया। बादलों की गड़गड़ाहट के साथ कई चक्रों में पूरे दिन रुक-रुक कर हुई झमाझम बारिश ने फाल्गुन माह में भादो का एहसास करा दिया। इस दौरान तेज हवाओं के साथ पड़े ओले से दलहनी, तिलहनी, गेहूं और आम की फसलों को काफी नुकसान हुआ है। गेहूं के साथ ही सरसों व अरहर की फसलें जहां खेतों में गिर गयीं वहीं आम में लगे बौर भी झड़ गये। वहीं सड़कों व गलियों में कीचड़ व पानी लगने से लोगों को आवागमन में भी परेशानी उठानी पड़ी। मौसम विज्ञानी के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के चलते ऐसी स्थिति बनी।

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विक्षोभ का असर महाशिवरात्रि के दिन 21 फरवरी से ही शुरू हो गया है। रिमझिम बारिश के साथ ही कई दिनों से बादलों की उमड़-घुमड़ के बाद बुधवार की भोर में बादलों की गड़गड़ाहट के साथ बारिश हुई और ओले भी पड़े। ऐसे में खेतों में खड़ी फसलों के बर्बाद होने की आशंका से किसान चितित हो गये हैं। थानागद्दी क्षेत्र में सोमवार की रात से रुक-रुक कर हो रही बारिश के साथ ओलावृष्टि से किसानों को खेतों में खड़ी फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। क्षेत्र के किसान ओमकार सिंह, रमेश, चंद्रभान, रविन्द्र आदि ने बताया कि यह बरसात फसलों को काफी नुकसान हुआ है। वहीं बरईपार क्षेत्र में बारिश व हवा से गेहूं की अगेती फसलें खेतों में गिर गयी हैं। आम की बागवानी में लगे रामचंद्र ने बताया कि इस साल वैसे ही आम के पेड़ों में बौर कम ही दिखाई पड़ रहे हैं। बीच-बीच में हो रही बरसात से मंजरियों में माहो लगने से नष्ट हो गये, जो कुछ हैं वह भी अब झड़ जायेंगे। सिगरामऊ क्षेत्र के किसान बेमौसम हुई बारिश के चलते फसलों के नुकसान को लेकर चितित हैं। फसल गिरने से प्रभावित होगा उत्पादन

मौसम विज्ञानी डा. पंकज जायसवाल ने बताया कि मौसम की यह स्थिति 26 फरवरी तक बरकरार करने की संभावना है। बुधवार को भी हल्की व मध्यम बारिश हो सकती है। मंगलवार को बारिश तीन मिलीमीटर और हवा का रुख पूर्वी दिशा की ओर 10 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से रिकार्ड किया गया। तेज हवा के कारण गेहूं के साथ ही सरसो की भी फसलें गिर गयी हैं। इससे दाने कमजोर व आकार में छोटे हो जाएंगे और उत्पादन में भी कमी आ सकती है। केबीके बक्शा के प्रभारी व मुख्य वैज्ञानिक डा. सुरेश कनौजिया ने कहा कि रोटावेटर की बोआई व एक-दो दिन में सिचाई की गई 60 से 70 प्रतिशत गेहूं की फसलें गिर गई हैं। मौसम की मार से 10 से 15 प्रतिशत गेहूं का उत्पादन प्रभावित हो सकता है। सलाह दिया कि सरसों की तैयार फसल खेतों में अभी खड़ी रहने दें। पिछेती फसल पर दवाओं का छिड़काव करें। इसके अलावा अरहर, चना व आम की फसल को भी रोगों और कीटों से बचाव के लिए दवाओं का छिड़काव करें।


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