प्रेम-स्नेह व त्याग से चलता है परिवार
पूर्वांचल विश्वविद्यालय में सोमवार को अवैद्यनाथ संगोष्ठी भवन में श्री राम कथा अमृत वर्षा का दूसरा दिन रहा। कथावाचक आचार्य शांतनु महाराज ने कहा कि परिवार प्रेम स्नेह समझ त्याग से चलता है। पत्नी को पति की मौन भाषा को समझना चाहिए।
जागरण संवाददाता, मल्हनी (जौनपुर): पूर्वांचल विश्वविद्यालय में सोमवार को अवैद्यनाथ संगोष्ठी भवन में श्रीरामकथा अमृत वर्षा का दूसरा दिन रहा। कथावाचक आचार्य शांतनु महाराज ने कहा कि परिवार प्रेम, स्नेह, समझ व त्याग से चलता है। पत्नी को पति की मौन भाषा को समझना चाहिए।
कहा कि भगवान राम के हर भाव को मां सीता समझ जाती थीं। परिवार महिलाओं के सम्मान से आगे बढ़ता है। आचार्य शांतनु महाराज ने कहा कि रामकथा, ब्रह्म, सगुन जिज्ञासा का विषय है, तर्क का नहीं। उन्होंने कहा कि समाधि योग का विषय है और गोपियां समाधि का उदाहरण हैं। रामकथा के बाद एक से तीन अक्टूबर तक सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया है। व्यासपीठ का पूजन प्रो.एके श्रीवास्तव, प्रो.बीबी तिवारी, डा.आलोक सिंह, डा.विजय प्रताप तिवारी, सत्येंद्र प्रताप सिंह, डा.मनोज मिश्र, डा.दिग्विजय सिंह, डा.अवध बिहारी सिंह, डा.सुनील कुमार, डा.मनोज पांडेय आदि ने किया।