सस्ती दवा उपलब्ध कराने का ट्रायल फेल
सरकारी अस्पतालों में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोलकर सस्ती दवा उपलब्ध कराने का ट्रायल ही फेल हो गया। जिला अस्पताल में खुले केंद्र पर जहां अधिकांश दवाएं नहीं मिलती वहीं अपराह्न दो बजे के बाद शटर गिर जाता है। जनपद में योजना का शुभारंभ हुए छह माह से अधिक समय बीत गए एक भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में केंद्र नहीं खोला गया।
जागरण संवाददाता, जौनपुर : सरकारी अस्पतालों में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोलकर सस्ती दवा उपलब्ध कराने का ट्रायल ही फेल हो गया। जिला अस्पताल में खुले केंद्र पर जहां अधिकांश दवाएं नहीं मिलती वहीं अपराह्न दो बजे के बाद शटर गिर जाता है। जनपद में योजना का शुभारंभ हुए छह माह से अधिक समय बीत गए एक भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में केंद्र नहीं खोला गया। व्यवस्था में खामी के चलते जहां सरकार की मंशा पर पानी फिर रहा वहीं गरीबों को महंगा उपचार कराना मजबूरी है।
केंद्र सरकार द्वारा सुगम व सस्ती चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए तमाम योजनाएं संचालित हैं। करोड़ों रुपये खर्च भी हो रहा है लेकिन जरूरतमंदों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसका उदाहरण है जिला अस्पताल व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोलने की योजना। जिले में ट्रायल के तौर पर छह माह पूर्व उमानाथ ¨सह जिला चिकित्सालय में धूमधाम से केंद्र खोला गया। सत्ता पक्ष से जुड़े नेताओं ने घूम-घूमकर हितकारी योजना पर लंबे-चौड़े भाषण भी दिए। लेकिन इसका लाभ मरीजों को नहीं मिल रहा है। केंद्र पर एक तो दस प्रतिशत भी दवाएं उपलब्ध नहीं हैं दूसरे दो बजे के बाद शटर गिरा दिया जाता है। लाखों रुपये एडवांस देकर फ्रेंचाइजी लेने वाले भी अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं। अंजाम देख सीएचएसी पर केंद्र खोलने को कोई तैयार नहीं है।
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जिला अस्पताल व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोलने के लिए वाराणसी की एजेंसी को अधिकृत किया गया है। जिला अस्पताल में उसी के माध्यम से केंद्र खोला भी गया। सीएचसी पर क्यों केंद्र नहीं खुले इसकी जानकारी नहीं है।
डा. रामजी पांडेय
मुख्य चिकित्साधिकारी