एक पखवाड़े तक लटका बांग्लादेशी जमातियों का स्वदेश प्रत्यर्पण
कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन के दौरान गिरफ्तार किए गए 14 बांग्लादेशी जमातियों का स्वदेश प्रत्यर्पण अधर में लटक गया है। स्थानीय अभिसूचना इकाई (एलआइयू) निकास अनुमति पत्र तैयार कराने में जुटा है।
जागरण संवाददाता, जौनपुर: कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन के दौरान गिरफ्तार किए गए 14 बांग्लादेशी जमातियों का स्वदेश प्रत्यर्पण अधर में लटक गया है। स्थानीय अभिसूचना इकाई (एलआइयू) निकास अनुमति पत्र तैयार कराने में जुटा है। फिलहाल जो सूरत-ए-हाल है, उनमें मासांत से पहले प्रत्यर्पण संभव नहीं हो सकेगा। जमातियों को शहर के बलुआघाट मोहल्ला निवासी एक व्यक्ति ने अपने घर पर पनाह दी है। खुफिया तंत्र रोजाना इनकी पल-पल की गतविधियों पर पैनी नजर रखे हुए है।
मालूम हो कि कोरोना वायरस संक्रमण के चलते लॉकडाउन में गत 31 मार्च को इन बांग्लादेशी जमातियों को पुलिस ने सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के लाल दरवाजा स्थित मुनीर अहमद के मकान से गिरफ्तार किया था। इनके साथ इनके दो गाइड भी पकड़े गए थे। इनमें एक प. बंगाल और दूसरा झारखंड का था। बाद में एक गाइड व एक जमाती कोरोना वायरस संक्रमित पाए गए थे। इलाज के बाद दोनों स्वस्थ हो गए। जमानत मंजूर होने के बाद दोनों गाइड लॉकडाउन समाप्त होने पर अपने-अपने घर लौट गए। बांग्लादेशी जमातियों को सीजेएम ने गत 10 जुलाई को पासपोर्ट एक्ट, फॉरेनर्स एक्ट व लॉकडाउन की धाराओं में जुर्म स्वीकारने पर जेल में बिताई गई करीब तीन महीने की अवधि को सजा में समायोजित कर दिया। पांच-पांच सौ रुपये जुर्माना अदा करने पर उन्हें रिहा करने का आदेश दिया। 11 जुलाई को जिला कारागार के प्रभारी अधीक्षक राज कुमार ने जमातियों को आवश्यक लिखा-पढ़ी के बाद स्वदेश प्रत्यर्पण के लिए एलआइयू को सौंप दिया।
जमातियों का पर्यटन वीजा कालातीत हो जाने से एलआइयू के सामने सबसे बड़ी समस्या यही खड़ी हो गई कि जरूरी कागजात तैयार होने तक वह इन्हें रखे कहां। बलुआघाट मोहल्ला निवासी शोएब ने इनकी पूरी जिम्मेदारी लेने की पेशकश की। इस पर एलआइयू ने आवश्यक लिखापढ़ी कर जमातियों को शोएब को सिपुर्द कर दिया। एलआइयू इनका निकास अनुमति पत्र जारी कराने के लिए आवश्यक कागजात तैयार कर गत 12 जुलाई को एसपी अशोक कुमार के पास भेज चुका है।
सूत्र बताते हैं कि इस माह के अंत तक निकास अनुमति पत्र बन जाएगा। इसके बाद पुलिस इन्हें कस्टडी में प. बंगाल में हरिदासपुर बार्डर पर ले जाकर लिखापढ़ी के बाद बांग्लादेशी अधिकारियों को सिपुर्द कर देगी।