दुर्गापूजा के लिए प्रशासन स्पष्ट करें गाइड लाइन
जागरण संवाददाता जौनपुर अनलाक-5 के नए प्रावधानों से नवरात्र में दुर्गापूजा के आयोजन पर संशय
जागरण संवाददाता, जौनपुर : अनलाक-5 के नए प्रावधानों से नवरात्र में दुर्गापूजा के आयोजन पर संशय दूर हो गया है। राज्य सरकार ने कुछ प्रतिबंधों के साथ अधिकतम 200 व्यक्तियों को दुर्गापूजा और रामलीला के आयोजन में शामिल होने की छूट दी है। इसके लिए अलग से गाइडलाइन जारी की जाएगी। सरकार के आदेश पर शुक्रवार को श्रीदुर्गापूजा महासमिति व अन्य समितियों के अध्यक्षों से उनकी राय जानी गई तो सभी ने खुशी व्यक्त करने के साथ दुर्गापूजा के लिए जिला प्रशासन से गाइड लाइन स्पष्ट करने को कहा।
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कोरोना संक्रमण काल में सार्वजनिक स्थल पर पूजा व पंडाल नहीं बनाने का निर्देश था। पहले प्रशासन नई गाइड लाइन को स्पष्ट कर दे, इसके बाद ही महासमिति द्वारा समितियों को दिशा-निर्देश दिया जाय। अगर दुर्गापूजा पंडाल लगाकर मूर्ति रखने की अनुमति नहीं दी जाती है तो कलश रखकर पूजा करेंगे। कलश के सामने फ्लैक्स लगाकर भी पूजा की जा सकती है।
-विजय सिंह, अध्यक्ष श्रीदुर्गापूजा महासमिति। दुर्गापूजा के लिए अनुमति मिलनी चाहिए, यह धार्मिक मान्यताओं से जुड़ा हुआ मामला है। भगवान राम ने भी पहले शक्ति की पूजा की थी, फिर शिव की। ऐसे में यह पुरातन काल से चला आ रहा है तो मां दुर्गा की पूजा नवरात्र में होना अनिवार्य है। इससे होने वाले हवन से हवा में फैले बैक्टीरिया को भी नष्ट किया जा सकता है।
-शशांक सिंह, पूर्व अध्यक्ष श्री दुर्गापूजा महासमिति। कोरोना संक्रमण काल में शासन की गाइड लाइन के अनुसार दुर्गापूजा का आयोजन किया जाएगा। अभी स्थिति स्पष्ट कर दी जाए तो समितियां अपना प्रबंध कर लेंगी। इससे किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होने पाएगी। दुर्गापूजा आमजन की श्रद्धा से जुड़ा हुआ मामला है, इसके लिए अगर छूट दी जा रही है तो यह स्वागत योग्य है।
-राजा शू चंद, अध्यक्ष, नवयुग संस्था, श्रीगोसाई रामलीला मैदान उर्दू बाजार। समितियों से जुड़े पदाधिकारियों को शासन के आदेश का इंतजार है। महासमिति ने भी अभी तक स्थिति को स्पष्ट नहीं किया है। पंडाल लगाने की अगर अनुमति नहीं मिलेगी तो उक्त स्थल पर कलश रखकर नौ दिन पूजा पाठ का आयोजन किया जाएगा। इससे तो किसी को रोका नहीं जा सकता है।
-अरुण कुमार शर्मा, अध्यक्ष, श्रीमहाशक्ति संस्था गौशाला।