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तालाब खोदाई से हर हाथ को रोजगार, जल संरक्षण की जगी आस

चित्र-तालाब की खोदाई से जल संरक्षण के साथ हर हाथों को मिल रहा रोजगार श्व1द्गह्म4 द्धड्डठ्ठस्त्र द्बह्य द्दद्गह्लह्लद्बठ्ठद्द द्गद्वश्चद्यश्र4द्वद्गठ्ठह्ल 2द्बह्लद्ध 2ड्डह्लद्गह्म ष्श्रठ्ठह्यद्गह्म1ड्डह्लद्बश्रठ्ठ स्त्रह्वद्ग ह्लश्र ष्ड्डह्म1द्बठ्ठद्द श्रद्घ श्चद्बष्ह्लह्वह्मद्ग-श्चश्रठ्ठस्त्रश्व1द्गह्म4 द्धड्डठ्ठस्त्र द्बह्य द्दद्गह्लह्लद्बठ्ठद्द द्गद्वश्चद्यश्र4द्वद्गठ्ठह्ल 2द्बह्लद्ध 2ड्डह्लद्गह्म ष्श्रठ्ठह्यद्गह्म1ड्डह्लद्बश्रठ्ठ स्त्रह्वद्ग ह्लश्र ष्ड्डह्म1द्बठ्ठद्द श्रद्घ श्चद्बष्ह्लह्वह्मद्ग-श्चश्रठ्ठस्त्र

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Feb 2020 05:48 PM (IST)Updated: Tue, 18 Feb 2020 05:48 PM (IST)
तालाब खोदाई से हर हाथ को रोजगार, जल संरक्षण की जगी आस
तालाब खोदाई से हर हाथ को रोजगार, जल संरक्षण की जगी आस

जागरण संवाददाता, जौनपुर : बूंद-बूंद अनमोल व जल है तो कल है जैसे स्लोगन की सत्यता जितनी जरूरी आज के लिए है उससे कहीं ज्यादा भावी पीढ़ी के लिए है। किसी ने ठीक ही कहा है, जल जैसे प्राकृतिक संसाधन कुदरत की नेमत है और हमें पूर्वजों से उधार में मिले हैं, ऐसे में हमें इनको संभालकर भावी पीढ़ी को सौंपने होंगे। कल के लिए जल बचाने हेतु जिला प्रशासन व दैनिक जागरण द्वारा चलाये गये अभियान में जुड़ने को हर कोई तैयार है। सभी का मानना है कि जल है तभी जीवन है। गहराते जल संकट के लिए एकमात्र जल का संरक्षण ही कारगर उपाय है। पानी के महत्व को देखते हुए हर किसी को बारिश की हर बूंद को अनमोल समझते हुए इसे संजोने के लिए आने आना होगा। इसके साथ ही घरों में बर्बाद हो रहे पानी को भी संरक्षित करके भूगर्भ का जल स्तर बढ़ाने में अपना योगदान देना होगा। जल की हर एक बूंद अनमोल रत्न है, सोचकर देखें कि जब जल नहीं होगा तो क्या हो सकता है, क्या जीवन की परिकल्पना बिना जल के संभव है। इसलिए प्रकृति के दिये गये इस अनमोल रत्न की हमें हिफाजत करनी होगी।

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देखा जाय बारिश की बूंदों का संरक्षण करने के लिए दैनिक जागरण व प्रशासन प्रशासन के संयुक्त अभियान के तहत जनपद में पहली बार एक साथ इतनी संख्या में तालाबों की खोदाई करायी जा रही है। इस कार्य से न सिर्फ जल संरक्षण की दिशा में ठोस काम हो रहा है बल्कि हर हाथ को रोजगार भी मिल रहा है। जिससे जाबकार्ड धारकों में खुशी का माहौल है। जनपद के 21 ब्लाकों में 228 गांवों के 228 गांवों में तालाबों की खोदाई चल रही है। मंगलवार को अभियान के चौथे दिन मनरेगा के तहत चले इस कार्य में चार हजार 666 मजदूरों ने कार्य किया। इस बृहद अभियान की अब चहुंओर सराहना हो रही है।

जनपद में जल संकट को देखते हुए अभियान के तहत तालाब की खोदाई कराई जा रही है। इसमें काफी संख्या में मजदूरों के साथ ग्रामीण भी प्रतिभाग कर रहे हैं। बारिश की हर बूंद को सहेजकर धरती को तृप्त करते हुए भूगर्भ जल के स्तर को बढ़ाया जा सके। तालाबों की खोदाई को लेकर ग्रामीणों में काफी उत्साह दिखा। लोग अपने-अपने गांव के तालाबों पर पहुंचे और अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस दौरान केराकत ब्लाक में प्रथम चरण में क्षेत्र के गंगौली, अकबरपुर, पूरनपुर, डेहरी, सेनापुर, तरियारी, पारापाटी, नाऊपुर, उमरवार, देवराई में तालाब खोदाई का काम जोरों पर चल रहा है। क्षेत्र के सभी तालाबों की खोदाई के लिए ग्रामीणों ने पवित्र उद्देश्य के साथ बड़े ही उत्साह के साथ अपना पसीना बहाया। तालाब में झाड़, घास-फूस को इकट्ठा कर उसे झौंवा से दूर ले जाकर फेंके। इसके अलावा असिथापट्टी, खेतापुर, खानपुर, सरपतहां गांव में भी युद्ध स्तर पर खोदाई का कार्य चल रहा है। चंदवक के भीमपुर गांव में ग्राम प्रधान अरविद सिंह, बीडीओ रामदरश की उपस्थिति में खोइाई का कार्य हुआ। तालाब का जल लेकर देवताओं की जाती है पूजा

तालाब हर आवश्यकता की पूर्ति करता है, जैसे पशु-पक्षियों व बागों के लिए पानी की पूर्ति करता है। इस वजह से हमारे यहां तालाब रहना परम आवश्यक है। तालाब अगर सूखा है तो हम कुछ भी नहीं कर पाएंगे, इसलिए तालाब में हमेशा पानी होना चाहिए। सरकार भी इस ओर ध्यान दे रही है, तालाब खोदाई के लिए लगी हुई। इसका धार्मिक भी बहुत महत्व है। लोग तालाब का पानी लेकर देवताओं की पूजा करते हैं जैसे शिवजी, कालीजी, दुर्गाजी आदि की पूजा होती है। उनकी पूजा उसी से होती है जिसमें हम स्नान करते हैं और ध्यान भी करते हैं। उसी के जल से मार्जन करते हैं। तालाब की महत्ता तो बहुत है उस वर्णन करना असाधारण होगा। लोग इसको आस्था से जोड़ते हुए भी आगे आयें और हमारी संस्कृति को जिदा रखने के लिए तालाब को बचाएं।

-पंडित त्रिभुवन दुबे।


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