फसलों पर अमृत की बारिश, किसानों को राहत
जौनपुर: मौसम का मिजाज अचानक बिगड़ गया। मंगलवार की रात बादलों की गरज के साथ ओलावृष्टि और रुक-रुक कर बारिश हुए। तापमान गिरने के साथ ही ठंड बढ़ गई है। यह बारिश फसलों के लिए अमृत के साबित होने से किसानों ने राहत की सांस ली। वहीं दूसरी तरफ बारिश के कारण चहुंओर कीचड़ हो गया, जिसके चलके आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सबसे अधिक असर वैवाहिक कार्यक्रमों पर पड़ा है।
जागरण संवाददाता, जौनपुर: मौसम का मिजाज अचानक बिगड़ गया। मंगलवार की रात बादलों की गरज के साथ ओलावृष्टि और रुक-रुक कर बारिश हुई। तापमान गिरने के साथ ही ठंड बढ़ गई है। यह बारिश फसलों के लिए अमृत साबित होने से किसानों ने राहत की सांस ली। वहीं दूसरी तरफ बारिश के कारण चहुंओर कीचड़ हो गया, जिसके चलके आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सबसे अधिक असर वैवाहिक कार्यक्रमों पर पड़ा है।
दिसंबर माह जहां सूखे में बीत गया वहीं जनवरी माह में सिर्फ एक बार विक्षोभ आने के कारण हल्की-फुल्की बारिश हुई थी। पिछले एक सप्ताह से पारा लगातार ऊपर चढ़ रहा था। अधिक तापमान के कारण फसलों की बढ़वार रुक गई थी। सबसे अधिक नुकसान गेहूं की फसल को हो रहा था। पैदावार प्रभावित होने की आशंका से किसान ¨चतित थे।
पहाड़ी क्षेत्रों में हुई बर्फबारी का असर मैदानी क्षेत्रों में भी दिखाई दे रहा है। मौसम में आई तब्दीली के चलते मंगलवार की रात बादलों ने तेज गर्जना व चमक के साथ रुक-रुक कर शुरू हुई बारिश का क्रम बुधवार को दिनभर चलता रहा। सूरज की किरणें धरती पर उतरने के लिए संघर्ष करती रहीं। मछलीशहर क्षेत्र के जमालपुर गांव निवासी किसान नामवर ¨सह ने कहा कि बारिश गेहूं के लिए बहुत ही फायदेमंद है। इससे गेहूं के पौधे का विकास होगा, जब पौधा अच्छा होगा तो दाना भी मोटा होगा। बारिश से सबसे ज्यादा लाभ जहां ¨सचाई का साधन नहीं है वहां हुआ है। केराकत क्षेत्र के किसान डिडोई ¨सह, रामजपित ¨सह, प्रेम प्रकाश यादव, श्रीराम यादव, संतोष यादव आदि ने बताया कि यह पैदावार अच्छी हो जाएगी। बरईपार क्षेत्र के किसान रामचंद्र तिवारी, कल्पनाथ वर्मा, गंगा प्रसाद, रमेश चंद्र आदि ने बताया कि बरसात से गेहूं की फसलों की वृद्धि में तेजी आएगी। रबी फसलों के लिए बारिश लाभकारी
जासं, जौनपुर: वातावरण में तापमान अधिक रहने के कारण मुख्य फसल गेहूं की बढ़वार रुक गई थी। कल्ले भी नहीं निकल रहे थे। इससे उत्पादन 15 से 20 प्रतिशत कम होने की आशंका थी। संयुक्त कृषि निदेशक अखिलेश चंद्र शर्मा ने बताया कि इस वर्षात से गेहूं, जौ, चना, मटर, सरसों, अरहर आदि फसलों को बहुत लाभ पहुंचेगा। फसलों को पानी के साथ वायुमंडलीय नत्रजन मिल जाएगा, जिससे विकास अच्छी होने से उत्पादन में वृद्धि होगी। उन्होंने बताया गेहूं की फसल के समुचित विकास के लिए औसत तापमान 16 के आस-पास होनी चाहिए अभी तक तापमान अधिक होने से किल्ले कम निकल रहे थे। ¨कतु बारिश से तापमान में गिरावट आ जाने से फसलों की उपज में वृद्धि होगी।
जनपद में ठप रही विद्युत आपूर्ति
तेज हवाओं के साथ हुई बारिश का असर जनपद के विद्युत आपूर्ति पर भी पड़ा। स्थानीय स्तर पर आई खराबी के चलते नगर समेत ग्रामीण अंचल की बिजली गुल हो गई। जिसके चलते लोगों को अंधेरे में रहना पड़ा। कुछ इलाकों में मरम्मत कर आपूर्ति बहाल हो गई लेकिन सुइथाकला व तेजी बाजार क्षेत्र में अभी भी गतिरोध है।