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बिजली विभाग के बिल घोटाले की जांच करेंगी एमडी

सहायक अभियंता राजस्व (एईआर) की फर्जी आईडी बनाकर दो करोड़ रुपये से अधिक के गोलमाल किए जाने के मामले की फिर से जांच होगी। अब तक विभागीय लीपा-पोती के कारण अनजान रहे प्रमुख सचिव उर्जा आलोक कुमार इस गड़बड़झाला की जानकारी होते ही गंभीर हो गए हैं। उन्होंने इस खेल का भंडाफोड़ करने के लिए सीएमडी अपर्णा यू से जांच कराने का निर्णय लिया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 15 Nov 2018 06:32 PM (IST)Updated: Thu, 15 Nov 2018 06:32 PM (IST)
बिजली विभाग के बिल घोटाले की जांच करेंगी एमडी
बिजली विभाग के बिल घोटाले की जांच करेंगी एमडी

जागरण संवाददाता, जौनपुर : सहायक अभियंता राजस्व (एईआर) की फर्जी आईडी बनाकर दो करोड़ रुपये से अधिक के गोलमाल किए जाने के मामले की फिर से जांच होगी। अब तक विभागीय लीपा-पोती के कारण अनजान रहे प्रमुख सचिव ऊर्जा आलोक कुमार इस गड़बड़ झाला की जानकारी होते ही गंभीर हो गए हैं। उन्होंने इस खेल का भंडाफोड़ करने के लिए एमडी अपर्णा यू से जांच कराने का निर्णय लिया है।

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दरअसल, मछलीशहर डिवीजन के एईआर की आईडी से 751 उपभोक्ताओं को बिल में संशोधन कराने का लालच देकर विभागीय मिलीभगत से दो करोड़ रुपये से अधिक का गड़बड़झाला किया गया है। मामला सामने आने पर लेजर पर उपभोक्ताओं के नाम बकाया चढ़ाने के साथ ही अज्ञात के खिलाफ कोतवाली में मुकदमा भी पंजीकृत कराया गया। मामले की तफ्तीश में पुलिस और विभागीय अधिकारी लगे। सूत्रों की मानें तो खेल प्रकाश में आने पर जनपद में जारी सभी आईडी मंगाकर उससे हुए कनेक्शन, बिल संशोधन समेत सभी कार्यों की बारी-बारी से जांच की जानी शुरू हुई। इसमें यह भी देखा जा रहा था कि सहायक अभियंता राजस्व की तैनाती के बिना कैसे आईडी जारी कर दी गई। इसके लिए आईटी सेल की भी मदद ली गई। उस समय चीफ इंजीनियर वाराणसी जोन कौशलेंद्र प्रसाद ने कहा कि था मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है। अनियमित तरीके से आईडी जारी करने और उपयोग करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी, लेकिन कुछ ही दिन बाद मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। इसके पीछे राजनीतिक दवाब तक की चर्चाएं शुरू होने, जो अब सच लगने लगी है, क्योंकि जौनपुर, आजमगढ़ और बलिया में चल रही सौभाग्य योजना की समीक्षा करने आए प्रमुख सचिव उर्जा से गुरुवार को जब इस बाबत जानकारी हासिल करने की कोशिश की गई तो पहले वे प्रकरण से ही अनभिज्ञता जताए, लेकिन जानकारी होने पर बोले कि इस मामले को वे सीएमडी से अब दिखवाएंगे। ऐसे में चर्चा फिर तेज हो गई है कि यदि प्रमुख सचिव ऊर्जा ने इस मामले को लेकर इसी तरह गंभीरता दिखाए तो कइयों का फंसना तय है।


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