Move to Jagran APP

पूविवि : परीक्षा परिणाम जारी, सीट का पता नहीं

वीर बहादुर ¨सह पूर्वांचल विश्वविद्यालय लंबे समय से अपनी कार्य प्रणाली को लेकर चर्चा में है। विश्वविद्यालय की इस व्यवस्था में खामी व जिम्मेदारों के खुद के निर्णय का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है। जिसका असर उनके कैरियर पर भी पड़ रहा है। इसकी नजीर है पीएचडी प्रवेश परीक्षा। वर्ष 201

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Nov 2018 06:39 PM (IST)Updated: Mon, 26 Nov 2018 06:39 PM (IST)
पूविवि : परीक्षा परिणाम जारी, सीट का पता नहीं
पूविवि : परीक्षा परिणाम जारी, सीट का पता नहीं

जागरण संवाददाता जौनपुर : वीर बहादुर ¨सह पूर्वांचल विश्वविद्यालय लंबे समय से अपनी कार्य प्रणाली को लेकर चर्चा में है। विश्वविद्यालय की इस व्यवस्था में खामी व जिम्मेदारों के खुद के निर्णय का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है। जिसका असर उनके कैरियर पर भी पड़ रहा है। इसकी नजीर है पीएचडी प्रवेश परीक्षा। वर्ष 2018-19 के लिए विश्वविद्यालय ने परीक्षा तो करा ली लेकिन अभी तक सीटों का निर्धारण नहीं हो पाया है। तीन माह में रिजल्ट जारी होने के बाद भी छात्र उहापोह की स्थिति में हैं।

loksabha election banner

विश्वविद्यालय के पीएचडी प्रवेश परीक्षा में 24 अगस्त को कुल छ: केंद्रों पर दो पालियों में पांच हजार 896 अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया। इसमें पहले 38 विषयों को शामिल किया था, बाद में विश्वविद्यालय ने छ: और विषयों में शारीरिक शिक्षा, संगीत, कृषि-प्रसार व इलेक्ट्रिक इंजीनिय¨रग विषयों को शामिल कर 44 विषय में परीक्षा कराई। परिणाम 10 सितंबर को ही घोषित करना था। बावजूद यह करीब तीन माह में घोषित किया गया। इसमें सिर्फ पास होने वाले अभ्यर्थियों का नाम दिखा रहा है। प्राप्तांक नहीं दिखाई पड़ रहा है। साथ ही कईयों का रोल नंबर व डेट ऑफ बर्थ इनकरेक्ट शो कर रहा है, ऐसे में उनको विश्वविद्यालय का चक्कर काटना पड़ रहा है। सबसे बड़ी समस्या यह है कि सीटों का विवरण ऑनलाइन नहीं दिया गया। इससे अभ्यर्थियों को यह पता ही नहीं चल पा रहा है कि उनके विषय में शोध की कितनी सीट है। अब परीक्षा उत्तीर्ण करने वालों को सीट, गाइड की तलाश करनी होगी। वह जाए तो कहां। पूर्वांचल विश्वविद्यालय से संबंद्ध पांच जिलों जौनपुर, गाजीपुर, आमजगढ़, मऊ, इलाहाबाद के कालेजों में कौन से गाइड है। उनसे सहमति लेकर विश्वविद्यालय में रजिस्ट्रेशन फीस जमा करना होगा। किसी भी विश्वविद्यालय द्वारा किसी भी व्यवस्था को ऑनलाइन करने का उद्देश्य पारदर्शिता से है। बावजूद पूर्वांचल विश्वविद्यालय द्वारा पीएचडी प्रवेश के लिए अभ्यर्थियों की स्थिति स्पष्ट नहीं की गई, यह समझ से परे है। क्या बोले जिम्मेदार :-

इस बाबत पीएचडी प्रवेश परीक्षा के संयोजक डा.आलोक ¨सह ने कहा कि कालेजों द्वारा अपने यहां विषय में खाली सीटों का विवरण नहीं दिया गया। पीएचडी प्रवेश परीक्षा में उत्तीर्ण करने वाले अभ्यर्थियों का विवरण अभिलेख देखकर बता पाएंगे। फिलहाल सामान्य वर्ग के छात्र 150 अंक तो ओबीसी अभ्यर्थी 135 अंक प्राप्तकर उत्तीर्ण है। वहीं रिजल्ट में गड़बड़ी की शिकायत कई जगहों से मिलने को आ रही है, इसके लिए संबंधित एजेंसी से बात की जाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.