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पराली जलाएं नहीं, खेत की मिट्टी में दबाने से होगा फायदा

जागरण संवाददाता मछलीशहर (जौनपुर) धान की कटाई के बाद पराली को जलाएं नहीं बल्कि उसे

By JagranEdited By: Published: Tue, 17 Nov 2020 04:35 PM (IST)Updated: Tue, 17 Nov 2020 04:35 PM (IST)
पराली जलाएं नहीं, खेत की मिट्टी में दबाने से होगा फायदा
पराली जलाएं नहीं, खेत की मिट्टी में दबाने से होगा फायदा

जागरण संवाददाता, मछलीशहर (जौनपुर): धान की कटाई के बाद पराली को जलाएं नहीं, बल्कि उसे मिट्टी में दबा दें। पराली को सड़ाकर कार्बनिक खाद बनाकर मिंट्टी में डालने से खेत की उर्वरा शक्ति बढ़ जाती है। यह सलाह उपसंभागीय कार्यालय दाउदपुर में बीटीएम प्रमोद उपाध्याय ने किसानों को दी।

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धान की कटाई के बाद खेत में पराली को जलाने से पर्यावरण तो प्रदूषित होता ही है, किसानों का भी बहुत नुकसान है। खेत में पराली जलाने से मिट्टी में मौजूद मित्र कीट नष्ट हो जाते हैं। इसके साथ ही जमीन की ऊपरी सतह पर उपलब्ध उर्वरा शक्ति भी काफी कम हो जाती है। इससे अगली फसल में किसानों को ज्यादा खाद और सिचाई करनी पड़ती है। उससे फसल की लागत बढ़ जाती है। ऐसे में पराली खेत में जलाने की बजाय मिट्टी में दबा देना ही हितकर है। ऐसे में पराली मिट्टी में सड़कर कार्बनिक खाद का काम करती है। जमीन की उर्वरा शक्ति भी बढ़ जाती है। एडीओ एजी केशव प्रसाद यादव ने कहा कि फसल कटने के बाद पराली को काटकर एक गड्ढे में भर दें। इसके बाद उसमें गुड़, चीनी, यूरिया, गोबर का घोल डाल दें, जिससे वह कार्बनिक खाद में तब्दील हो जाएगा। अगली फसल में इस कार्बनिक खाद का उपयोग किया जा सकता है। इससे फसल उत्पादन में भी वृद्धि होगी। उन्होंने बताया कि केंद्र पर एचडी 2967 गेहूं उपलब्ध है। किसान आधार कार्ड, पंजीकरण संख्या व बैंक पास बुक की फोटो कापी जमा कर ले सकते हैं। इस दौरान टीए राजेंद्र प्रसाद यादव, हरीश चंद्र राव, मेवालाल आदि लोग उपस्थित थे।


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