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डीएम का आदेश बेअसर, गोवंशों की दुर्दशा

भांवरकोल (गाजीपुर) ब्लाक मुख्यालय स्थित निराश्रित गोवंश आश्रयस्थल की व्यवस्था सुधारने के लिए जिलाधिकारी ओमप्रकाश आर्य के दिए निर्देशों को भी दरकिनार कर दिए जाने के कारण इस गोवंश आश्रयस्थल की दु‌र्व्यवस्था यथावत बनी हुई है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 27 Oct 2019 05:38 PM (IST)Updated: Sun, 27 Oct 2019 05:38 PM (IST)
डीएम का आदेश बेअसर, गोवंशों की दुर्दशा
डीएम का आदेश बेअसर, गोवंशों की दुर्दशा

जासं, भांवरकोल (गाजीपुर) : ब्लाक मुख्यालय स्थित निराश्रित गोवंश आश्रय स्थल की व्यवस्था सुधारने के लिए जिलाधिकारी ओमप्रकाश आर्य के दिए निर्देशों को भी दर किनार कर दिया गया। इससे गोवंश आश्रय स्थल की दु‌र्व्यवस्था यथावत है। गोवंशों का खानपान व रख-रखाव ठीक न होने के कारण बीमार पड़ने व दम तोड़ने का सिलसिला पूर्ववत जारी है। मृत गोवंशों के निस्तारण की व्यवस्था राष्ट्रीय राजमार्ग-31 के किनारे गड्ढे के पानी में फेंकना अब भी यथावत है। दुर्गंध फैलने से सड़क पर आवागमन करने वाले लोगों को काफी परेशानी हो रही है।

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जिलाधिकारी ओमप्रकाश आर्य ने गत 16 अक्टूबर को इस गोवंश आश्रय स्थल का निरीक्षण किया तथा खानपान व रखरखाव की व्यवस्था में सुधार लाने का निर्देश दिया था। आश्रय स्थल के पास खुले आकाश के नीचे रह रहे गोवंशों के लिए एक और टीन शेड बनवाने का निर्देश भी दिया था। बावजूद इसके अबतक अतिरिक्त टीन शेड के निर्माण का कार्य भी शुरू नहीं हो सका है। व्यवस्था में लगे अधिकारी व कर्मचारी इस दु‌र्व्यवस्था का कारण अर्थाभाव मान रहे हैं। आश्रय स्थल की जिम्मेदारी संभाल रहे ग्राम विकास अधिकारी ओमप्रकाश राम ने कहा कि प्रति गोवंश 30 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मिलता है। इस धनराशि से भर पेट भूसा तो मिल ही नहीं सकता तो फिर चोकर व खली तथा मृत गोवंशों के निस्तारण के लिए गड्ढे खोदवाने व ले जाने आदि की व्यवस्था करना कहां संभव है।


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