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राम जन्मभूमि पर फैसले से पहले प्रशासन चौकन्ना

अयोध्या के रामजन्म भूमि मसले अदालत का फैसला आने से पहले ही जिला प्रशासन पूरी तरह चाक चौबंद हो गया है। सोमवार को एसपी रवि शंकर छवि ने पुलिस लाइन में बारी-बारी से पत्रकारों वकीलों व समाज के अन्य प्रबुद्ध तबकों के लोगों तो थानेदारों ने शांति समिति की बैठक कर अयोध्या के बारे में आने वाले फैसले के मद्देनजर अहम बिदुओं पर चर्चा की।

By JagranEdited By: Published: Mon, 04 Nov 2019 08:29 PM (IST)Updated: Wed, 06 Nov 2019 06:27 AM (IST)
राम जन्मभूमि पर फैसले से पहले प्रशासन चौकन्ना
राम जन्मभूमि पर फैसले से पहले प्रशासन चौकन्ना

जागरण संवाददाता, जौनपुर: अयोध्या के रामजन्म भूमि मसले पर अदालत का फैसला आने से पहले ही जिला प्रशासन पूरी तरह चाकचौबंद हो गया है। सोमवार को एसपी रवि शंकर छवि ने पुलिस लाइन में बारी-बारी से पत्रकारों, वकीलों व समाज के अन्य प्रबुद्ध तबकों के लोगों तो थानेदारों ने शांति समिति की बैठक कर अयोध्या के बारे में आने वाले फैसले के मद्देनजर अहम बिदुओं पर चर्चा की। दोनों समुदायों के लोगों से अपील की कि वे अदालत के फैसले को शिरोधार्य कर शांति व्यवस्था बनाए रखने में मदद करें। किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें। चेतावनी दी कि समाज में अशांति फैलाने की किसी भी तरह की कोशिश करने वालों से पुलिस सख्ती से निबटेगी।

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अयोध्या पर आने वाले उच्चतम न्यायालय के फैसले की हर कोई दम साधकर इंतजार कर रहा है। जनमानस में अटकलों के दौर के बीच जिला खास तौर पर पुलिस प्रशासन शांति व्यवस्था को लेकर खासा चितित और सतर्क हो गया है। फैसला आने के बाद स्थिति सामान्य बनी रहे और शांति व्यवस्था में किसी तरह का खलल न पड़े इसकी कवायद शुरू हो गई है। एसपी ने पत्रकारों से कहा कि अयोध्या के बारे में कवरेज करते समय दोनों समुदायों की भावनाओं का ध्यान रखें। किसी तरह की भ्रामक खबरों के प्रकाशन से बचें। ऐसी कोई खबर न दें जिससे आपसी सौहार्द बिगड़े। उन्होंने कवरेज में सुरक्षा व्यवस्था मुहैया कराने का भरोसा दिलाया। दीवानी न्यायालय अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष बृजनाथ पाठक व प्रभारी मंत्री अरविद तिवारी ने एसपी से आग्रह किया कि वे बार में आकर समस्त अधिवक्ताओं के समक्ष अपनी बातें रखें। पुलिस ने जारी की एडवायजरी

राम जन्मभूमि पर फैसले से पहले पुलिस सोशल मीडिया सेल ने एडवायजरी जारी की है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि कॉल रिकॉर्डिंग व सोशल मीडिया साइट्स की मॉनिटरिग की खबरें पूरी तरह से भ्रामक हैं। इन पर भरोसा न करें। इसमें लोगों को आगाह किया गया है कि फेसबुक, ट्वीटर, व्हाट्सएप व इंस्टाग्राम पर किसी भी तरह के धार्मिक, सांप्रदायिक भ्रामक, असत्य, सौहार्द बिगाड़ने वाले आपत्तिजनक फोटो, वीडियो व मैसेज को पोस्ट, लाइक व शेयर न करें।


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