गांवों में फैली गंदगी बनेगी संक्रामक रोगों की वजह
संपूर्ण स्वच्छता अभियान का ¨ढढोरा शासन-प्रशासन में बैठे लोगों द्वारा बड़े ही जोर-शोर से पीटा जा रहा है, जबकि गांवों में बदस्तूर फैली गंदगी की स्थिति जस की तस है। बरसात के दिनों में यही गंदगी संक्रामक रोगों की बड़ी वजह बन सकती है इससे जिम्मेदार अनजान बने हुए मौन साधे हुए हैं, जो शासन की मंशा पर पानी फेर रहा है। साथ ही इससे व्यवस्था की पोल खुल रही है।
जागरण संवाददाता, जौनपुर : संपूर्ण स्वच्छता अभियान का ¨ढढोरा शासन-प्रशासन में बैठे लोगों द्वारा बड़े ही जोर-शोर से पीटा जा रहा है, जबकि गांवों में बदस्तूर फैली गंदगी की स्थिति जस की तस है। बरसात के दिनों में यही गंदगी संक्रामक रोगों की बड़ी वजह बन सकती है इससे जिम्मेदार अनजान बने मौन साधे हुए हैं, जिससे शासन की मंशा पर पानी फिर रहा है। साथ ही इससे व्यवस्था की पोल खुल रही है।
गांवों में व्यवस्थाओं का अभाव है। सबसे ज्यादा खराब स्थिति सफाई की है। इन दिनों तो गंदगी के चलते संक्रामक रोग तक के फैलने का खतरा कई गांवों में है। इतना ही नहीं गंदगी के कारण ही रोगों की बाढ़ भी गांवों में आ गई है। दूषित पानी और गंदगी के चलते लोग कुछ ज्यादा ही बीमार हो रहे हैं, लेकिन जिम्मेदारों द्वारा सफाई की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ग्राम पंचायतों में तैनात सफाई कर्मचारी भी मनमानी से बाज नहीं आ रहे हैं। जिम्मेदारों की मनमानी का खामियाजा गांव के लोगों को भुगतना पड़ रहा है। इससे स्थिति दिनों-दिन बिगड़ती जा रही है। नतीजतन यही गंदगी बारिश के दिनों में संक्रामक रोगों की वजह बन न जाए का डर सताने लगी है। कागज पर चल रहा स्वच्छता सर्वेक्षण अभियान
नगर निकायों की तर्ज पर गांवों को भी स्वच्छ बनाने की योजना है। इसके लिए 30 अगस्त तक ग्राम पंचायतों में भी स्वच्छता सर्वेक्षण अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन एक अगस्त से चल रहा यह अभियान सच मायने में कागज पर चल रहा है, क्योंकि कुछ ग्राम पंचायतों को छोड़ दें तो स्वच्छता सर्वेक्षण अभियान के तहत कुछ भी नहीं दिख रहा। यह अलग बात है कि इसे जिम्मेदार स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं। हालांकि जिले में आई पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय भारत सरकार की टीम ने 16 गांवों का दौरा किया। स्वच्छता स्थिति का संख्यात्मक एवं गुणात्मक आंकलन कर अंक तय किया। टीम तीन घटक पर 100 नंबर तय किया है। इसमें प्रत्यक्ष अवलोकन पर 30 अंक, नागरिकों के फीडबैक पर 35 अंक और सर्विस लेवल प्रगति पर 35 अंक निर्धारित की है, जो गोपनीय रखा गया है। अब देखना है कि रिपोर्ट के बाद जनपद के गांवों की क्या स्थिति होती है। बचाव को रखें इन बातों का ध्यान
-घर से बाहर तक रखें सफाई, सार्वजनिक स्थलों की करें मानीट¨रग।
-घर-घर में शौचालय का कराएं निर्माण, खुले में न करें शौच।
-खुले में शौच करने वालों को रोकें।
-जल निकासी की सुनिश्चित कराएं व्यवस्था, नालियों की करें या कराएं सफाई।
-हैंडपंप के पास बनाएं सोख्ता।
-कचरा निस्तारण के लिए गड्ढे का करें उपयोग।
-कुएं आदि में ब्ली¨चग पाउडर का कराएं छिड़काव।
-सफाई के लिए जिम्मेदार से करें वार्ता, दिक्कत होने पर करें शिकायत।