धांधली की जांच करने पहुंचे उपायुक्त
वर्ष 2010 में बोदरी गांव में दिव्यांगजनों को दिए गए उपकरण में धांधली की शिकायत पर न्यायालय के आदेश पर बुधवार को प्रदेश उपायुक्त शैलेन्द्र कुमार सोनकर जांच हेतु बोदरी गांव पहुंचे। दिव्यांगों से मिलकर उपकरण वितरित करने का भौतिक सत्यापन किया गया। उपायुक्त अपनी रिपोर्ट भारत सरकार को सौपेंगे।
जासं, केराकत (जौनपुर): वर्ष 2010 में बोदरी गांव में दिव्यांगजनों को दिए गए उपकरण में धांधली की शिकायत पर न्यायालय के आदेश पर बुधवार को प्रदेश उपायुक्त शैलेन्द्र कुमार सोनकर जांच के लिए बोदरी गांव पहुंचे। दिव्यांगों से मिलकर उपकरण वितरित करने का भौतिक सत्यापन किया गया। उपायुक्त अपनी रिपोर्ट भारत सरकार को सौंपेंगे। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने 2009-10 में चित्रगुप्त संस्थान एवं विकलांग कल्याण विद्यालय वाराणसी पंजीकृत संस्था को ढ़ाई करोड़ की धनराशि उपलब्ध कराई थी। इसमे संस्था ने विभिन्न जिलों में कार्यक्रम आयोजित कर दिव्यांगजनों को सहायक उपकरण के रूप में ट्राईसाइकिल, व्हील चेयर, छड़ी, ईयरफोन आदि दिया था, जिसे लेकर धांधली की शिकायत हुई थी। इसपर जांच हुई थी, जिसमें मुख्य आयुक्त दिव्यांगजन भारत सरकार ने जांच कर धांधली की शिकायत को सही पाया था। इसके बाद संस्था से रिकवरी कराने का आदेश जारी हो गया था। इस पर संस्था ने हाईकोर्ट के शरण में चली गई। जहां से संस्था को स्थगन आदेश मिल गया और न्यायालय ने दोबारा जांच के लिए आदेशित किया। आदेश दिया गया कि जांच के दौरान प्रबंधक भी साथ रहें और बताएं कि किसको-किसको उपकरण दिया। इसी क्रम में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के आदेश पर एक विशेष जांच दल गठित किया गया। जांच टीम में उत्तर प्रदेश के दिव्यांगजन के उपायुक्त शैलेन्द्र कुमार सोनकर, डाक्टर उत्तम कुमार ओझा, जिले के सहायक आयुक्त दिव्यांगजन एवं भारतीय पुनर्वास परिसर समन्वयक दिव्यांगजन कल्याण अधिकारी सुरेश मौर्य रहे।