रोते व खांसते हुए बच्चे को जबरदस्ती खिलाना खतरनाक
श्वांस नली (ट्रैकिया) व खाने की नली (ईसोफेगस) एक ही जगह खुलती है। खाना खाते समय ट्रैकिया का ढक्कन (लै¨रग) बंद हो जाता है और आवाज निकालते समय खुल जाती है। खाना खाते समय बोलने या जम्हाई लेने पर लै¨रग खुल जाता है और खाने का पार्ट उसमें चला जाता है। खाने का पार्ट श्वास नली में जाते ही लै¨रग टाइट होकर बंद हो जाता है। इससे व्यक्ति की श्वास नली अवरुद्ध हो जाती है। सांस न ले पाने से व्यक्ति की मौत हो जाती है। यह सभी उम्र के लोगों पर लागू होता है।
जागरण संवाददाता, जौनपुर: श्वांस नली (ट्रैकिया) व खाने की नली (ईसोफेगस) एक ही जगह खुलती है। खाना खाते समय ट्रैकिया का ढक्कन (लै¨रग) बंद हो जाता है और आवाज निकालते समय खुल जाती है। खाना खाते समय बोलने या जम्हाई लेने पर लै¨रग खुल जाता है और खाने का पार्ट उसमें चला जाता है। खाने का पार्ट श्वास नली में जाते ही लै¨रग टाइट होकर बंद हो जाता है। इससे व्यक्ति की श्वास नली अवरुद्ध हो जाती है। सांस न ले पाने से व्यक्ति की मौत हो जाती है। यह सभी उम्र के लोगों पर लागू होता है।
वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डा. विनोद कुमार ¨सह ने सलाह दिया कि बच्चा रोता या खांसता हो तो जबरदस्ती उसे न खिलाएं। ऐसा करना खतरनाक हो सकता है। उन्होंने कहा कि खाद्य पदार्थ श्वांस नली में फंसने पर आक्सीजन मिलना कम हो जाता है। पीड़ित को खांसी खाने से साथ ही जकड़न और नीला पड़ने लगता है। ऐसा लक्षण दिखने पर तुरंत बच्चे को उल्टा करके पीठ थपथपाना चाहिए। इसके बाद भी यदि आराम न मिलने तो आक्सीजन की सहायता से पीडियाट्रिक सर्जन को दिखाएं। यह खतरनाक है
खतरनाक है रोते व खांसते हुए बच्चों के मुंह में दूध धकेलना। खाना खाते या कुछ पीते समय बोलने, हंसने, जम्हाई लेना, छींकना, लेटकर खाना खाना या पानी पीना, मिर्गी के दौरान मरीज के मुंह में पानी या फिर कुछ और डालना खाना खाते या कुछ पीते समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल करना।