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डाला छठ : उगु न सुरुज देव भइलो अरग के बेर.

'केरवा फरेला घवदिहा, जेह पर सुग्गा मड़राय, ऊंचे खबरि जनइबै आदित्य से सुगना देहन जुठारि..' आदि पर्व गीतों के बीच पटाखों की तेज आवाज से नदी व सरोवरों के तट गूंज उठे। कोई सिर पर प्रसाद की डलिया लिए चला आ रहा है तो कोई विभिन्न अंदाज में सेल्फी ले रहा है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 14 Nov 2018 06:08 PM (IST)Updated: Wed, 14 Nov 2018 06:08 PM (IST)
डाला छठ : उगु न सुरुज देव भइलो अरग के बेर.
डाला छठ : उगु न सुरुज देव भइलो अरग के बेर.

जागरण संवाददाता, जौनपुर: 'उगु न सुरुज देव भइलो अरग के बेर..', 'केरवा फरेला घवदिहा, जेह पर सुग्गा मड़राय, ऊंचे खबरि जनइबै आदित्य से सुगना देहन जुठारि..' आदि पर्व गीतों के बीच पटाखों की तेज आवाज से नदी व सरोवरों के तट गूंज उठे। कोई सिर पर प्रसाद की डलिया लिए चला आ रहा है तो कोई विभिन्न अंदाज में सेल्फी ले रहा है।

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बुधवार सुबह ऐसे ही ²श्य जिले के ग्रामीण अंचलों के विभिन्न नदी तट और पोखरों के किनारे दिखे। मौका था चार दिवसीय महापर्व छठ के समापन का। महिलाओं ने उगते सूर्य को अ‌र्घ्य देकर छठी मइया से पुत्र की लंबी उम्र व सुख-समृद्धि मांगी। पर्व की शुरुआत रविवार को नहाय-खाय की परंपरा से हुई थी।

छठ मइया की आराधना में लीन महिलाओं ने ठंडक की परवाह न करते हुए भोर पहर तालाबों में खड़े होकर उगते हुए सूर्य को अ‌र्घ्य देकर परिवार की खुशहाली की कामन की। नाक से मांग तक ¨सदूर का टीका लगाकर नए कपड़े पहनकर महिलाओं ने देवी की आराधना में घंटों पूजा अर्चना की। रात पहर देवी के नाम पर राज जागरण किया। अ‌र्घ्य देने के लिए सुबह पहर से नदी-तालाबों के किनारे महिलाओं के साथ देवी के आराधकों का जमावड़ा रहा। सूर्य की किरणों ललिमा देखने का इंतजार कर रही महिलाओं ने सोहर उगु न सुरुज देव भइलो अरग के बेर.. भाव रहा कि हे सूर्य भगवान अब निकल आओ अ‌र्घ्य देने का समय आ गया है जैसी मनुहार लगाई। सूर्य की किरणों को प्रणाम करके अ‌र्घ्य दिया और परिवार में खुशियों का भंडार भरने की कामना की। वापस लौटी महिलाओं ने एक दूसरे को छठ मइया का प्रसाद वितरण कराया।

बदलापुर क्षेत्र के भलुआहीं के पक्के पोखरा पर ढोल- नगाड़े की थाप पर युवाओं के साथ बुजुर्ग भी जमकर थिरकते रहे और सूर्य उपासना का महापर्व छठ पूजन का समापन हुआ। वहीं निर्जला व्रत रहकर सूर्य देव की ऋतु फलों और उनके रस से पूजन-अर्चना किया। वहीं व्रती महिलाओं ने रातभर जागरण किया। आतिशबाजी से पूरा महौल दीपावली जैसे नजर आ रहा था।

केराकत क्षेत्र के नदी, तालाबों, नहरों पर बने घाटों पर जाकर व्रतियों ने सूर्य देव को दूसरा अ‌र्घ्य दिया और छठी मैया की पूजा के साथ यह पर्व संपन्न हो गया। आम से लेकर खास तक सभी ने छठ पर्व पूरे उत्साह और भक्ति भाव के साथ मनाया।

सुजानगंज क्षेत्र घघरिया गांव में तालाब के किनारे उगते हुए सूर्य को अ‌र्घ्य देने के बाद व्रती महिलाओं ने व्रत तोड़ा। व्रत पूर्ण होने के बाद महिलाओं ने लोगों में प्रसाद का वितरण किया। इस मौके पर भंडारे का आयोजन भी किया गया, जिसमें सैकड़ो लोगों ने प्रसाद लिया। 101 गरीबों को किया गया कंबल वितरण

सुजानगंज क्षेत्र के घघरिया गांव के समाजसेवी देवेश कुमार ¨सह ने छठ पर्व अवसर पर 101 गरीबों में कंबल का वितरण किया। वह हर साल छठ पूजा के समापन पर गरीबों में कंबल का वितरण करते हैं। कंबल पाकर गरीबों के चेहरे खिल उठे। उन्होंने ने बताया कि गरीबों की सेवा ही सच्ची सेवा है। इस अवसर पर निलेश ¨सह, शिवराज ¨सह, योगेंद्र यादव, राम प्रताप ¨सह, सर्वेश कुमार ¨सह आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन सर्वेश कुमार ¨सह ने किया। शांति समिति के तत्वाधान में हुआ पूजन

जफराबाद (जौनपुर):नगर पंचायत में स्थित नाव घाट गोमती तट पर बुधवार को विश्व शांति समिति के तत्वाधान में छठ पूजा संपन्न हुआ। संस्थापक पंडित भैया लाल मिश्र ने विधि-विधान के साथ पूजन कराया। नदी तट के दोनों छोर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ एकत्रित थी। नगर पंचायत के तट पर सफाई का अभाव होने से श्रद्धालु बिफर पड़े। समाजसेवी रतन ¨सह परमार ने नगर पंचायत के सफाई कर्मियों की लापरवाही को देखते हुए स्वयं से देर रात तक सफाई अभियान चलाकर घाट तथा आस-पास पूजा स्थल को साफ सुथरा कराया। घाट पर केवटों ने छोटी नाव के साथ नदियों में श्रद्धालुओं की सुरक्षा हेतु पहरा दिया। सूर्य उदय होते ही भैया लाल मिश्र ने सूर्य आरती के साथ पूजन दर्शन संपन्न कराया। इस दौरान विश्व शांति समिति के पदाधिकारी जय ¨हद सेठ, विकास सेठ, राम बसावन अग्रहरी, रामेश्वर बरनवाल, विजय जायसवाल, रामचंद्र मिश्र सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।


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