शवदाह गृह डूबने से खड़ंजे पर हो रहा अंतिम संस्कार
गोमती नदी के बढ़ रहे जलस्तर से लगातार दबाव बढ़ता जा रहा है। केराकत पुल के पास नदी किनारे बने शवदाह गृह भी बाढ़ की चपेट में आने से बीते चार दिनों से खड़ंजे पर अंत्योष्टि की जा रही है। दूसरे छोर पर भी पानी के दबाव से एक बागीचे को शवदाह गृह के रूप इस्तेमाल किया जा रहा ह जिससे लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यहां पर तकरीबन 15 किलोमीटर से लोग अंत्योष्टि के लिए पहुंचते हैं जबकि 10 से 12 शवों की अंत्योष्टि की जाती है।
जागरण संवाददाता, जौनपुर: गोमती नदी के बढ़ रहे जलस्तर से लगातार दबाव बढ़ता जा रहा है। केराकत पुल के पास नदी किनारे बने शवदाह गृह बाढ़ की चपेट में आने से गत चार दिनों से खड़ंजे पर अंत्येष्टि की जा रही है। दूसरे छोर पर भी पानी बढ़ने से एक बागीचे को शवदाह गृह के रूप इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यहां पर तकरीबन 15 किलोमीटर से लोग अंत्येष्टि के लिए पहुंचते हैं। हर दिन लगभग 10 से 12 शवों की अंत्येष्टि की जाती है। ऐसे में बरसात के दिनों से आस-पास के लोग इनदिनों भारी मुश्किल में हैं। गंगा के लगातार बढ़ रहे जलस्तर से गोमती नदी के किनारे के उदयचंदपुर, बांसबारी, टंडवा, मई, औवार सहित अन्य नदी के निकटवर्ती गांवों में बाढ़ का संकट बढ़ गया है। साथ ही बड़े पैमाने पर किसानों की फसलें भी बर्बाद हुई हैं। चंदवक में भी बाढ़ प्रभावित गांवों में कुछ खास सुधार नहीं हुआ है। गोमती का जलस्तर कम होने की बजाय बढ़ने से आस-पास के गांव के लोग दहशत में हैं। यहां चौबेपुर, बरइछ, रामगढ़, सारेपुर, बलरामपुर, नरकटा, पड़रछा, बड़वा, चांदेपुर, बरहपुर समेत अन्य कुछ निचले इलाकों के गांवों में बाढ़ का पानी भर गया है। खराब होती स्थिति के बीच मवेशियों को चारे की दिक्कत हो गई है।