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स्वामीनाथ पांडेय की कृतियों का राज्यपाल ने किया विमोचन

राज्यपाल राम नाईक ने जिले के वरिष्ठ साहित्यकार रहे स्वर्गीय स्वामीनाथ पांडेय के औपन्यासिक कृतियों'अघोर पुरुष संत कीनाराम'एवं 'राधा मन बूड़त बिन पानी'का विमोचन किया। यह विमोचन उन्होंने मंगलवार को महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी में आयोजित 40वें दीक्षांत समारोह के उपरांत किया। पुस्तक का अनावरण करते हुए उन्होंने कहा कि इस प्रकार की शोधपरक कृतिया निश्चय ही ¨हदी साहित्य को समृद्ध करेंगी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 08:47 PM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 11:45 PM (IST)
स्वामीनाथ पांडेय की कृतियों  का राज्यपाल ने किया विमोचन
स्वामीनाथ पांडेय की कृतियों का राज्यपाल ने किया विमोचन

जागरण संवाददाता, जौनपुर : राज्यपाल राम नाईक ने जिले के वरिष्ठ साहित्यकार रहे स्वर्गीय स्वामीनाथ पांडेय के औपन्यासिक कृतियों'अघोर पुरुष संत कीनाराम'एवं 'राधा मन बूड़त बिन पानी'का विमोचन किया। यह विमोचन उन्होंने मंगलवार को महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी में आयोजित 40वें दीक्षांत समारोह के उपरांत किया। पुस्तक का अनावरण करते हुए उन्होंने कहा कि इस प्रकार की शोधपरक कृतियां निश्चय ही ¨हदी साहित्य को समृद्ध करेंगी।

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राज्यपाल कहा कि गांव छोड़ लोग जब शहरों कि ओर चल दिए हो, ¨जदगी पर जब भौतिकता का ग्रहण लगा हो, ऐसे में कोई साहित्यकार आजीवन अपने गांव से जुड़कर साहित्य संरक्षण व साधना में लगा हो तो यकीनन उसका यह प्रयास स्तुत्य है। ऐसा ही सराहनीय प्रयास डोभी क्षेत्र के हरिहरपुर गांव निवासी लेखक, पत्रकार व साहित्यकार रहे स्वर्गीय स्वामीनाथ पाण्डेय ने अपने पूरे जीवन भर किया। राज्यपाल से मिल कर साहित्य साकेत संग्रहालय के प्रबंधक, पत्रकार वारींद्र पांडेय ने बताया कि 1930 में जन्मे श्री पांडेय ने अपने गांव की अड़ी कभी नहीं छोड़ी। उन्होंने बताया कि अपने घर में ही

साहित्यिक पुस्तकों और अखबारों का संग्रहालय बना लिया था। यह महान साहित्यकार 27 अक्टूबर 2017 को महाप्रयाण कर स्मृतिशेष हो गए। उनके द्वारा स्थापित संस्था को धरोहर के रूप में बचाने के लिए वारींद्र पांडेय ने संस्था की परिचयात्मक फाइल सौंपी। बताते हैं कि डोभी क्षेत्र के हरिहरपुर में स्थित साहित्य साकेत संस्था में अस्सी से नब्बे दशक पुरानी पत्र-पत्रिकाएं, दुर्लभ पुस्तकें व पाण्डुलिपियों के अतिरिक्त साहित्यकारों,कवियों, लेखकों व पत्रकारों के पत्र संरक्षित हैं, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा 1950 में स्वामीनाथ पांडेय को लिखा पत्र भी संरक्षित है। काशी के विशिष्ट जनों के अतिरिक्त काशी विद्यापीठ, वाराणसी के कुलपति प्रो. टीएन ¨सह व डा.पृथ्वीश नाग पूर्व कुलपति महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी आदि मौजूद रहे।


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