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कोरोना ने रोकी सीवर लाइन व ट्रीटमेंट प्लांट की रफ्तार

जागरण संवाददाता जौनपुर कोरोना संक्रमण काल में जहां देश की अर्थव्यवस्था थम गई वहीं जिले

By JagranEdited By: Published: Wed, 02 Sep 2020 06:08 PM (IST)Updated: Wed, 02 Sep 2020 06:08 PM (IST)
कोरोना ने रोकी सीवर लाइन व ट्रीटमेंट प्लांट की रफ्तार
कोरोना ने रोकी सीवर लाइन व ट्रीटमेंट प्लांट की रफ्तार

जागरण संवाददाता, जौनपुर : कोरोना संक्रमण काल में जहां देश की अर्थव्यवस्था थम गई, वहीं जिले की बड़ी परियोजनाओं पर भी इसकी मार पड़ी है। जनपद की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में नमामि गंगे परियोजना के तहत सीवर ट्रीटमेंट प्लांट व अमृत योजना के तहत सीवर लाइन का काम है। इन दोनों पर कोरोना का असर देखने को मिल रहा है। एक साल से शुरू दोनों ही परियोजनाओं में अभी महज 10 फीसद ही कार्य हो सके हैं। इस परियोजना को लेकर राजनीतिक गलियारों में भी काफी विवाद रहा। अगस्त 2019 में शुरू हुए इस काम को अप्रैल 2022 तक पूर्ण किया जाना है, लेकिन स्थिति बिल्कुल विपरीत है। अमृत योजना का सीवर प्रोजेक्ट

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अमृत योजना के तहत शहर में 365 किमी सीवर लाइन बिछाई जानी है। यह परियोजना को 225 करोड़ की लागत से पूरा करना है। इसमें उत्तरी छोर में 200 किमी तो दक्षिणी छोर में 165 किमी सीवर बिछाने का काम करना है। इसमें अभी केवल उत्तरी छोर में हुसेनाबाद, मियांपुर, रामनगर भड़सरा, गंगा पट्टी, कटघरा, नईगंज, वाजिदपुर में सीवर नेटवर्क के कार्य हो रहे हैं। मुख्य मार्ग पर सीवर लाइन डालने के लिए प्रशासन से सहयोग मांगा जा रहा है। अनुमति मिलने पर आगे काम कराया जाएगा। इसमें अभी तक 10 किमी सीवर लाइन की पाइप बिछाई गई है। जिसमें 10 फीसद बजट महज 20 करोड़ रुपये प्राप्त हुए है। वहीं दक्षिणी छोर के सीवर लाइन को शेखपुर मियांपुर में ले जाकर मिला दिया जाएगा। यहां पर इंटरमीडिएट पंपिग स्टेशन बनाया जाएगा। इसकी क्षमता 10 से 12 एमएलडी की होगी। इसके बाद नदी के ऊपर पुल व ट्रस बनाकर पाइप से नदी को क्रास करते हुए पचहटिया पहुंचाया जाएगा। इसके लिए पर्यावरण विभाग से परमिशन मिल गया है। इसको बनाने का भी काम शुरू कराया जाएगा।

नमामि गंगे परियोजना का ट्रीटमेंट प्लांट

नमामि गंगे परियोजना के तहत सीवर ट्रीटमेंट प्लांट पचहटिया में ढाई एकड़ में बनाया जा रहा है। 35 एमएलडी क्षमता का यह प्लांट 115 करोड़ रुपये से तैयार किया जाएगा। पिछले छह माह से जलनिगम की भूमि पर काम चल रहा है। इसमें अभी तक एरिऐशन टैंक का काम हो सका है। यह कुल कार्य का महज 10 फीसद पूर्ण हुआ है। इसके साथ ही निर्माण में मानक की अनदेखी करने के आरोप-प्रत्यारोप भी लगे। हालांकि कुछ विवाद तो अभी भी जारी है।

वर्जन..

इस बाबत जल निगम के अवर अभियंता शैलेष यादव ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण सीवर लाइन व सीवर ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण कार्य में बाधा उत्पन्न हुई है। परियोजना की मंजूरी अगस्त 201्9 में शुरू हुई, जिसको अप्रैल 2022 में पूरा किया जाएगा। दोनों ही काम 10 फीसद पूर्ण हो चुके हैं।


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