किताबों के साथ गाइड खरीदने को कर रहे मजबूर
सूबे की सरकार ने अभिभावकों का आर्थिक बोझ और छात्रों को सीबीएसई की दौड़ में शामिल करने के लिए एनसीइआरटी का पाठ्यक्रम लागू किया है।
जागरण संवाददाता, जौनपुर: सूबे की सरकार ने अभिभावकों का आर्थिक बोझ और छात्रों को सीबीएसई की दौड़ में शामिल करने के लिए एनसीइआरटी का पाठ्यक्रम लागू किया है। किताबों का मूल्य काफी कम होने के कारण लोग खुश थे लेकिन दुकानों पर पहुंचते ही उनकी खुशी तब काफूर हो जा रही है जब दुकानदार किताबों के साथ गाइड लेने को बाध्य कर रहे हैं। असमर्थता जताने पर प्रकाशक का हवाला देते हुए सिर्फ किताब देने से मना कर दे हैं।
माध्यमिक विद्यालयों में निजी प्रकाशकों की महंगी किताबें विद्यालय में चलवा रहे थे। सरकार ने विद्यालयों में एनसीइआरटी पैटर्न लागू करने का आदेश दिया है। इस पहल से जहां सस्ते दाम पर किताबें मिल जाएंगी वहीं छात्रों को परीक्षाओं में सीबीएसई की तरह अच्छा अंक भी मिलेगा। इतना ही नहीं इंजीनियरिग, मेडिकल आदि प्रायोगिक परीक्षा में भी यूपी बोर्ड के छात्रों को काफी सुविधा मिलेगी।
मांग बढ़ने के कारण जहां बाजार में कई विषयों की किताबें नहीं मिल रही हैं वहीं दुकानदार किल्लत का फायदा उठाते हुए किताबों के साथ गाइड खरीदने को बाध्य कर रहे हैं। उनका कहना है कि प्रकाशक व थोक व्यवसाइयों द्वारा ही ऐसा करने को मजबूर किया जा रहा है। विद्यालय संचालक भी इसके लिए कम जिम्मेदार नहीं हैं, वह एनसीइआरटी की किताबों के साथ तीन-चार किताबें प्राइवेट प्रकाशकों की लगा दिए हैं जो काफी महंगी हैं।
---------------
माध्यमिक शिक्षा निदेशक व सभापति माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा शासन की नीति के अनुसार एनसीइआरटी की गुणवत्ता एवं पाठ्यपुस्तकों की उपलब्धता के संबंध में आदेश दिया गया है। पारदर्शिता एवं शोषण रोकने के लिए शासन द्वारा पांच प्रकाशकों को किताबों को अधिकृत किया है। संबंधित प्रकाशकों की किताबें ही उपयोग में लाई जाएं। किसी भी पुस्तक विक्रेता द्वारा किताबों के साथ गाइड लेने के लिए छात्रों एवं अभिभावकों को बाध्य नहीं किया जाएगा। अगर शिकायत मिली तो संबंधित विद्यालय और पुस्तक विक्रेता के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
-डा.ब्रजेश मिश्र
जिला विद्यालय निरीक्षक