जौनपुर में अभिनेता नसीरुद्दीन शाह के खिलाफ परिवाद दाखिल
जौनपुर में फिल्म अभिनेता नसीरुद्दीन शाह के खिलाफ राजद्रोह व धार्मिक भावनाएं आहत करने का परिवाद वकील आनंद ने एसीजेएम सीनियर डिवीजन द्वितीय धनंजय मिश्र की कोर्ट में दाखिल किया है।
जौनपुर, जेएनएन। प्रदेश के बुलंदशहर में हिंसा के मामले में फिल्म अभिनेता नसीरुद्दीन शाह के एक विवादित बयान का मामला तूल पकड़ रहा है। इस मामले में जौनपुर में उनके खिलाफ परिवाद दाखिल किया गया है।
जौनपुर में फिल्म अभिनेता नसीरुद्दीन शाह के खिलाफ राजद्रोह और धार्मिक भावनाएं आहत करने का परिवाद वकील आनंद श्रीवास्तव ने एसीजेएम सीनियर डिवीजन द्वितीय धनंजय मिश्र की कोर्ट में दाखिल किया है। मजिस्ट्रेट ने इसे स्वीकार करते हुए परिवादी के बयान के लिए तीन जनवरी की तिथि नियत की है। वकील आनंद श्रीवास्तव ने कोर्ट में परिवाद दाखिल कर कहा है कि अभिनेता के भड़काऊ वक्तव्य से मीडिया पर देख व सुनकर उनकी और साथियों की भावनाएं आहत हुईं। परिवादी की ओर से वकील रवींद्र विक्रम सिंह और हिमांशु श्रीवास्तव ने तर्क दिया कि नसीरुद्दीन शाह के वक्तव्य का व्यापक असर पड़ता है। शिकायत कर्ता ने अदालत से नसीरुद्दीन शाह को तलब कर दंडित किए जाने का आग्रह किया है।
परिवादी अधिवक्ता आनंद श्रीवास्तव का आरोप है कि नसीरुद्दीन शाह के भड़काऊ बयान को मीडिया पर देख व सुनकर उनकी व गवाहों की भावनाएं आहत हुईं हैं। परिवादी की ओर से अधिवक्ता हिमांशु श्रीवास्तव ने कोर्ट में तर्क दिया कि नसीरुद्दीन भली-भांति जानते हैं कि उनके वक्तव्य का देश के नागरिकों पर बड़ा असर पड़ता है। उन्हें इस देश ने भरपूर प्यार व शोहरत दी। कई एवार्ड भी मिले। इसके बावजूद उन्होंने वक्तव्य दिया कि देश के सामाजिक माहौल में काफी जहर फैल चुका है। हालात जल्दी सुधरते नजर नहीं आ रहे हैं। हिंदुस्तान में डर लगता है। फिक्र है कि कल उनके बच्चों को किसी भीड़ ने घेर लिया और पूछा कि वह हिंदू हैं या मुसलमान तो उनके पास जवाब नहीं होगा। इस देश में कानून को हाथ में लेने की खुली छूट मिल गई है। इसके जरिए देशवासियों के मन में विधि से स्थापित सरकार के प्रति घृणा व अवमान पैदा करने का प्रयास किया गया है जो राजद्रोह की श्रेणी में आता है। परिवादी ने आरोपी अभिनेता को तलब कर दंडित करने का कोर्ट से आग्रह किया।
क्या कहा था नसीरुद्दीन शाह ने
फिल्म अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने बयान दिया था, कि हमने बुलंदशहर हिंसा में देखा कि आज देश में एक गाय की मौत की अहमियत पुलिस ऑफिसर की जान से ज्यादा होती है। शाह ने यह भी कहा कि इन दिनों समाज में चारों तरफ जहर फैल गया है। मुझे इस बात से डर लगता है कि अगर कही मेरे बच्चों को भीड़ ने घेर लिया और उनसे पूछा जाए कि तुम हिंदू हो या मुसलमान। मेरे बच्चों के पास इसका कोई जवाब नहीं होगा। पूरे समाज में जहर पहले ही फैल चुका है।