गुणवत्तायुक्त शिक्षा के नाम पर ठगी का धंधा!
जागरण संवाददाता, जौनपुर: जनपद में सुनहरे भविष्य का सपना दिखाकर युवाओं को लूटने का धंधा त
जागरण संवाददाता, जौनपुर: जनपद में सुनहरे भविष्य का सपना दिखाकर युवाओं को लूटने का धंधा तेजी से फल-फूल रहा है। नगर व ग्रामीण अंचलों में चलने वाली इन गैर कानूनी दुकानों में विभिन्न बोर्ड परीक्षाओं में अधिक अंक प्राप्त कराने से लेकर आइएएस बनाने तक का दावा किया जाता है। जिम्मेदार लोग इस ठगी के धंधे से बेखबर हैं।
जिले में कई को¨चग संस्थान और इंस्टीच्यूट चलते हैं जो युवाओं को उनके लक्ष्य तक पहुंचाने की गारंटी लेते हैं। छोटे-छोटे कमरों में चलने वाले इन संस्थानों में दावे तो बड़े-बड़े किए जाते हैं लेकिन हकीकत कुछ और ही होती है। संचालक भोले-भाले युवाओं को ख्वाब दिखाकर हजारों रुपये ऐंठ रहे हैं। आकर्षक बैनरों-पोस्टरों से सजी इन दुकानों की चकाचौंध में आकर युवा जाल में सहज ही फंस जाते हैं। बिना पंजीकरण के चल रहे इन संस्थानों में विभिन्न बोर्डों की परीक्षाओं में अच्छा अंक दिलाने के साथ ही पीजी डीसीए, बीसीए, एमसीए, एमबीबीएस, आइएएस व पीसीएस बनाने का दावा किया जाता है।
इतना ही नहीं दर्जनों संस्थानों में इंगलिश स्पी¨कग सिखाने की कक्षाएं संचालित की जाती हैं। फर्राटे से अंग्रेजी बोलना सिखाने की गारंटी लेने वाले यह गुरुजी खुद ठीक से ¨हदी भी नहीं बोल पाते हैं। सपने बेचने वाले इस बाजार में मेज पर कंप्यूटर, लैपटाप आदि सजाकर रिसेप्शन काउंटर पर युवतियां स्वागत के लिए बैठी रहती हैं। जो आने वाले हर ग्राहकों को अपने जाल में फंसाने की हर संभव कोशिश करती हैं। जनपद में 142 पंजीकृत को¨चग
जनपद में हर गली-कूचों में को¨चग संस्थान हैं लेकिन जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में 142 को¨चग संस्थान पंजीकृत हैं। बाकी गैर कानूनी ढंग से संचालित हैं। संचालक जहां युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं वहीं हर साल लाखों रुपये की सरकारी खजाने को चोट पहुंच रही है। जिम्मेदार लोग इनके खिलाफ अभियान भी नहीं चला रहे है। पंजीकरण को¨चग का चला रहे स्कूल
जनपद में कई अमान्य विद्यालयों ने कार्रवाई से बचने का विकल्प ढूंढ लिया है। जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में को¨चग का पंजीकरण कराकर स्कूल चला रहे हैं। पढ़ने वाले छात्रों का पंजीकरण मान्यता प्राप्त विद्यालयों में करा देते हैं। उनकी बाजीगरी से अनजान अभिभावक ठगी का शिकार हो रहे हैं। न्यायालय के आदेश को दरकिनार कर अधिकांश अमान्य विद्यालयों का धड़ल्ले से संचालन हो रहा है। इन विद्यालयों में न तो मानक के अनुसार संसाधन होते हैं और न ही शिक्षक। हर साल ऐसे विद्यालयों के खिलाफ अभियान तो चलाया जाता है लेकिन अधिकारी अपने तरीके से मामला रफा-दफा कर देते हैं।
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बिना मान्यता के विद्यालय, को¨चग संस्थान व इंस्टीट्यूट कानूनन अपराध है। संचालक निर्धारित मानक पूरा करने के साथ ही पंजीकरण करा लें। चे¨कग में अगर कोई अवैध रूप से सेंटर संचालित पाया गया तो उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
डा.बृजेश मिश्रा
जिला विद्यालय निरीक्षक