आवास में कब्जा रखने पर सिपाही के खिलाफ केस
अवैध रूप से सरकारी आवास पर कब्जा जमाए पुलिसकर्मियों पर विभाग की भृकुटि टेढ़ी हो गई है। पुलिस अधीक्षक के आदेश पर ऐसे ही एक सिपाही के खिलाफ न सिर्फ मुकदमा पंजीकृत कराया गया है बल्कि डेढ़ लाख रुपये से अधिक की वसूली की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
जागरण संवाददाता, जौनपुर : स्थानांतरण के बाद भी अवैध रूप से सरकारी आवास पर कब्जा जमाए पुलिस कर्मियों पर पुलिस अधीक्षक की भृकुटि टेढ़ी हो गई है। उनके आदेश पर ऐसे ही एक सिपाही के खिलाफ न सिर्फ मुकदमा पंजीकृत कराया गया है बल्कि डेढ़ लाख रुपये से अधिक की वसूली की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। विभाग की इस सख्त कार्रवाई से ऐसे अन्य पुलिसकर्मियों में खलबली मच गई है।
वर्षों पहले गैर जिले में स्थानांतरित हो जाने के बाद भी सिपाही पारस नाथ भारद्वाज ने पुलिस लाइन परिसर स्थित सरकारी आवास में ताला बंद कर अवैध रूप से कब्जा कर रखा था। विभाग द्वारा बार-बार नोटिस जारी करने के बाद भी वह आवास खाली नहीं कर रहा था। मामला संज्ञान में आने के बाद एसपी अशोक कुमार ने प्रतिसार निरीक्षक रजत पाल राव को पुलिस लाइन स्थित सरकारी आवासों पर स्थानांतरित होने के बाद पुलिस कर्मियों के अवैध रूप से काबिज रहने के बारे में जांच कर कार्रवाई करने व आवास खाली कराने का निर्देश जारी किया। ऐसे में राजकीय आवास ब्लाक पी न्यू टाइप प्रथम आवास संख्या 30 पर आरक्षी पारसनाथ भारद्वाज का अवैध कब्जा पाए जाने पर प्रतिसार निरीक्षक ने उसके विरुद्ध थाना लाइन बाजार में सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज करा दिया है। अवैध कब्जे के दौरान के बकाये किराये को लेकर उक्त आरक्षी पर 1,53,810 रुपये की वसूली के लिए आदेश निर्गत किया गया है। प्रतिसार निरीक्षक ने बताया कि अन्य आवासों की जांच की जा रही है। जिन भी पुलिस कर्मियों को आवासों पर अवैध रूप से काबिज पाया जाएगा उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के साथ ही बकाए किराए की वसूली की जाएगी।