अभिनेता बाबी देओल व निर्माता प्रकाश झा के खिलाफ वाद दर्ज
जागरण संवाददाता जौनपुर वेब सीरीज आश्रम चैप्टर-2 के निर्माता निर्देशक प्रकाश झा व अभिनेता
जागरण संवाददाता, जौनपुर : वेब सीरीज आश्रम चैप्टर-2 के निर्माता निर्देशक प्रकाश झा व अभिनेता बाबी देओल के विरुद्ध गुरुवार को सनातन धर्म से जुड़ी धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में न्यायालय में वाद दर्ज किया गया। यह वाद अधिवक्ता हिमांशु श्रीवास्तव निवासी जोगियापुर कोतवाली ने अधिवक्ता उपेंद्र विक्रम सिंह के जरिए दर्ज कराया है।
अधिवक्ता ने कोर्ट में धारा 156 (3) के तहत प्रार्थना पत्र दिया था कि वादी सनातन धर्म में गहरी आस्था रखता है। बचपन से ही आश्रम एवं पवित्र हिदू ग्रंथों के बारे में जानता-सुनता आया है। आश्रम ऋषि मुनियों के रहने का पवित्र स्थान बताया जाता है। सुसंगठित आश्रम संस्था भारतवर्ष की अपनी विशेषता रही है। वेब सीरीज आश्रम चैप्टर-2 में आश्रम में आस्था के नाम पर भोले भाले लोगों को फंसाया जाना, आस्था,अपराध और राजनीति का गठबंधन, आश्रमों में व्यभिचार और नशे का व्यापार आदि कैसे चलता है। इस संबंध में ट्रेलर रिलीज हो रहा है। कथित रूप से इसमें आश्रम का डार्कसाइड दिखाया गया है। काशीपुर वाले बाबा निराला का किरदार बालीवुड अभिनेता बाबी देओल ने निभाया है। जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को भड़काने के लिए सिरीज का नाम आश्रम रखा गया है। गत 9 नवंबर को वादी ने ट्रेलर टीजर पार्ट टू का देखा। इससे धार्मिक भावनाएं आहत हुई। प्रार्थना पत्र में वादी ने न्याय हित व देशहित में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत करा कर विवेचना की कोर्ट से मांग की है। ग्राम प्रधान व सेक्रेटरी पर हमले के आरोपित को चार वर्ष की सजा
जागरण संवाददाता, जौनपुर : अपर सत्र न्यायाधीश चतुर्थ महेंद्र सिंह ने चंदवक थाना क्षेत्र के अमिलिया सानी गांव में प्रधान व सेक्रेटरी पर जानलेवा हमला करने वाले पिता-पुत्र समेत तीन आरोपियों को चार वर्ष कारावास एवं पांच-पांच हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया।
अभियोजन के अनुसार ग्राम प्रधान रामजग यादव ने थाना चंदवक में एफआइआर दर्ज कराया था कि तीन अप्रैल 2004 को सुबह 7:30 बजे गांव अमिलिया में खड़ंजा निर्माण कार्य करा रहा था। तभी दीनानाथ यादव, प्रमोद यादव, संतोष यादव, छांगुर व विश्वनाथ लाठी-डंडा व फावड़ा लेकर आए और वादी को जान से मारने की नियत से हमला कर दिया। वादी को चोटें आई। बीच-बचाव करने आए सेक्रेटरी पारसनाथ को भी आरोपितों ने मारा पीटा। अन्य लोगों ने बीच-बचाव कर जान बचाई। वादी के सिर की हड्डी टूट गई व एक आंख की रोशनी चली गई। पुलिस ने चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की। शासकीय अधिवक्ता एवं अधिवक्ता उपेंद्र विक्रम सिंह ने गवाहों को परीक्षित कराया। कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद संतोष, छांगुर व विश्वनाथ को दोषी पाते हुए दंडित किया।