संकट के दौर और चुनौती की बेला में जौनपुर रहा अलबेला
देश के सामने जब-जब कोई संकट या चुनौती का दौर आया जौनपुर के बाशिदों ने हमेशा अनूठी मिसाल पेश की है। वैश्विक महामारी बने कोरोना वायरस को हराने के लिए सरकार के देशव्यापी लॉकडाउन के पालन ही नहीं बल्कि इसके चलते सरकारी अमले व समाज के कमजोर तबके के सामने उत्पन्न चुनौती का मुकाबला करने में भी पूरे देश में अलग पहचान बनाई है।
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कामन इंट्रो..
देश में जब भी कोई संकट या चुनौती का दौर आया, जौनपुर के बाशिदों ने हमेशा अनूठी मिसाल पेश की है। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस को हराने के लिए भी वही जज्बा व संयम दिखा रहे हैं। देशव्यापी लॉकडाउन के पालन में ही नहीं इसके चलते सरकारी अमले व समाज के कमजोर तबके के सामने उत्पन्न चुनौती का मुकाबला करने में भी अलग पहचान बनाई है। गजब के धैर्य और अनुशासन ने ऐसा कोई अवसर नहीं आने दिया जिससे टकराव की नौबत आए। इतना ही नहीं लॉकडाउन के बीते वो 30 दिन में समाज का हर सक्षम तबका जरूरतमंदों को भोजन व बचाव के लिए जरूरी संसाधन उपलब्ध कराने में जिला प्रशासन के साथ कदमताल में भी कोई कसर नहीं छोड़ रहा है।
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जागरण संवाददाता, जौनपुर: पूरी दुनिया में कोरोना वायरस के कहर के बीच 24 मार्च को रात आठ बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में मध्य रात्रि से लॉकडाउन की घोषणा की। यह सुनते ही सभी सन्न रह गए। किसी को अपने काम-धंधे तो किसी को रोजी-रोटी के लिए परदेस में बसे स्वजनों की चिता सताने लगी। एक दिन पहले फिरोशेपुर मोहल्ले के अशहद के कोरोना पॉजिटिव होने की रिपोर्ट से हर कोई वैसे ही हिला हुआ था। रही-सही कसर पूरी कर दी एक सप्ताह के दौरान जगह-जगह से धरे गए 14 बांग्लादेशियों समेत करीब 100 जमातियों ने। एक बांग्लादेशी समेत दो जमातियों, झारखंड निवासी गाइड व देवबंद से आए एक युवक के भी कोरोना पॉजिटिव होने की रिपोर्ट ने तो दहला दिया। पूरे जिले में अजीब सा माहौल बन गया। हर किसी के चेहरे पर खौफ नजर आने लगी। राहत की बात यह है कि इनमें से अब तक चार निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद अस्पताल से छुट्टी पा चुके हैं। जिला प्रशासन की पेशानी पर बल पड़ गए। उसको चितित कर रही थीं कि सूबे व देश के कई शहरों से कोरोना योद्धाओं रूपी डाक्टरों ने सहयोगी स्टाफ और पुलिस पर हमले की खबरें। एक महीने हो गए लेकिन जौनपुरियों ने धैर्य व संयम की अनूठी मिसाल पेश करते हुए प्रशासन की चिता निर्मूल साबित कर दिया। इसी दौरान एक माह में 15 हजार परदेसी भी आए जिसमें से 478 को चिह्निन कर कोरोना जांच का नमूना लिया गया लेकिन हर तरफ शांति व सद्भाव ही दिखा।