घर के कुत्ते से रहें सावधान, खतरे में पड़ सकती है जान
जागरण संवाददाता जौनपुर वैश्विक महामारी काल में कुत्ता पालने का शौक तेजी से बढ़ा है। खास
जागरण संवाददाता, जौनपुर: वैश्विक महामारी काल में कुत्ता पालने का शौक तेजी से बढ़ा है। खासकर शहरी इलाकों में लोग विदेशी नस्ल के कुत्तों के पालन में रुचि ले रहे हैं। पालन करने वालों में अधिकांश के पास उन्हें अलग रखने की व्यवस्था नहीं होती। शौक अथवा मजबूरी में परिवार के सदस्य के रूप में उन्हें पाला जाता है। आप ऐसा करते हैं तो सावधान हो जाइए, क्योंकि कुत्तों से कई खतरनाक बीमारियों के संक्रमण का खतरा रहता है।
बालरोग विशेषज्ञ डा. मुकेश शुक्ल ने कहा कि कुत्ता काटने से रैबीज नामक मस्तिष्क ज्वर होता है, जिसका कोई उपचार नहीं होता। इसका लक्षण पानी को देखकर चिल्लाना, डरना, बुखार, पक्षाघात, लकवा, ऐंठन, बेहोशी और मृत्यु है। डा. शुक्ल ने बताया कि कुत्ते के मल में फीता कृमि के सिस्ट पाए जाते हैं जो कि पूर्ण रूप से मानव की आंत में और फिर शरीर के अंगों दिमाग, आंख, दिल, लीवर, मांसपेशियों में जाकर फंस जाते हैं और सिस्ट बनकर बढ़ते हैं। इसके अलावा सालमोनिलाइसिस, टाक्सोप्लास्मोसिस, कैटस्क्रेच आदि बीमारियों की चपेट में मानव आ जाता है। इसके अलावा कुत्ता वैक्टीरिया, वायरस, फंगस आदि के वाहक होते हैं। उन्होंने बताया कि कुत्ते के बाल से भी कभी-कभी एलर्जी होती है। टीकाकरण है आवश्यक
आपको यदि कुत्ता पालने का शौक है तो कुछ सावधानियां बरतनी होगी। पेट स्टोर उमरपुर के शैलेष सोनकर ने बताया कि कुत्तों के स्वास्थ्य के बारे में सजगता आवश्यक है। उनका नियमित रूप से निर्धारित समय पर टीकाकरण कराएं। निश्चित अवधि में कृमिनाशक दवा दें। इसके अलावा निश्चित समय पर घुमाना-टहलाना और प्रशिक्षण देना आवश्यक होता है।