आजमगढ़-वाराणसी फोरलेन को न्यायालय के आदेश का इंतजार
वाराणसी-आजमगढ़ फोरलेन का निर्माण जिले में पूरा होने में 20 गांवों के मुआवजे का अड़ंगा लगा हुआ है। जिला प्रशासन की तरफ से भूमि अधिग्रहण का जो सर्किल रेट तैयार किया गया उसको एनएचआइ ने दीवानी न्यायालय जौनपुर में चुनौती दे रखी है।
जागरण संवाददाता, जौनपुर : वाराणसी-आजमगढ़ फोरलेन का निर्माण जिले में पूरा होने में 20 गांवों के मुआवजे का अड़ंगा लगा हुआ है। जिला प्रशासन की तरफ से भूमि अधिग्रहण का जो सर्किल रेट तैयार किया गया, उसको एनएचएआइ ने दीवानी न्यायालय जौनपुर में चुनौती दे रखी है, जिसके चलते जिम्मेदार अधिकारी फैसले का इंतजार कर रहे हैं। गतिरोध समाप्त होने तक सड़क का निर्माण अधूरा रहेगा।
वर्ष 2012 से वाराणसी-आजमगढ़ राज्यमार्ग पर फोरलेन निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य चल रहा है। इसमें करीब 20 गांवों के चार हजार किसानों को मुआवजा दिया जाना है। यह मार्ग जिले में कनौरा से बरइछ तक 20 किमी है। सबसे पहले इनका गाटावार सर्वे तैयार किया गया था। इसमें सर्किल रेट तय किया गया। जिसको अवार्ड किया गया। जिसका किसानों ने विरोध किया। इसमें किसानों से कई चक्र वार्ता हुई। जिला प्रशासन व किसानों ने बात करके एक दर पर सहमति दी। इसके बाद इसका पुन: संशोधन करके जिला प्रशासन की तरफ से पुनर्मूल्यांकन कराया गया। जब प्रशासन ने एनएचएआइ को नए सर्किल रेट देकर अवार्ड की प्रक्रिया के लिए कदम बढ़ाया तो उस पर एनएचआइ ने कड़ा एक्शन लिया। उसने अपने एक्सपर्ट से जांच कराने के बाद इस पर सहमति नहीं दी, जिसका परिणाम रहा कि वह दीवानी न्यायालय में अवार्ड को लेकर चले गए।
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पूर्व में अधिग्रहण के लिए अवार्ड तैयार किया गया था। जिस पर किसानों की सहमति न देने पर उसको स्थगित करना पड़ा। पूर्व में डीएम द्वारा किसानों से कई चक्र वार्ता करके नया सर्किल रेट तैयार करके एनएचएआइ को भेजा गया। एनएचएआइ ने दीवानी न्यायालय में चुनौती दे रखी है। तीन-चार माह से सुनवाई चल रही है। कोर्ट के आदेश पर आगे की प्रक्रिया की जाएगी।
-डा.सुनील कुमार वर्मा, मुख्य राजस्व अधिकारी।