Move to Jagran APP

बंदियों के मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए करें प्रयास

गाजीपुर : विधिक सेवा पखवारा के तहत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जिला कारागार में संगो

By JagranEdited By: Published: Sat, 18 Nov 2017 08:26 PM (IST)Updated: Sat, 18 Nov 2017 08:26 PM (IST)
बंदियों के मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए करें प्रयास
बंदियों के मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए करें प्रयास

गाजीपुर : विधिक सेवा पखवारा के तहत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जिला कारागार में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। सिविल जज सीनियर डिविजन द्वारा बन्दियों के कल्याणार्थ चल रहे नूतन प्रयासों पर विचार व्यक्त किया गया। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा बताया गया कि कारागार में अभियुक्तगण को निरूद्ध करने का मुख्य उद्देश्य उन्हें सुधार एवं पुनर्वास हेतु अवसर प्रदान करना है। सीनियर डिविजन (त्वरित न्यायालय) के पीठासीन अधिकारी विनय ¨सह गिरफ्तारी के पूर्व एवं गिरफ्तारी के उपरान्त व्यक्ति को प्राप्त अधिकारों पर विस्तार से चर्चा किए। बताया गया कि विधि के शासन के तहत पुलिस पर यह दायित्व है कि वह गिरफ्तारी के पूर्व व्यक्ति को गिरफ्तार करने का कारण एवं न्यायालय का वारंट अवश्य दिखाये। इसके अतिरिक्त अपर सिविल जज चन्दन ¨सह, प्रमोद कुशवाहा एवं अमित कुमार द्वारा दण्ड प्रक्रिया संहिता मे उल्लेखित प्राविधानों का संदर्भ लेते हुए इस पर प्रकाश डाला गया । कार्यक्रम की अध्यक्षता सचिव/मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी सत्यजीत पाठक ने की। सचिव द्वारा जेल प्राधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे बंदियों की समस्याओं को न्यायालय तक पहुंचाने में विशेष रूचि लें एवं उनके मौलिक अधिकारों की रक्षा हेतु हर संभव प्रयास करें। जेलर ने आभार ज्ञापित किया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.