बस नाम का है एण्टी रोमियो दस्ता
छात्राओं व महिलाओं से छेड़खानी की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार के निर्देश पर थानों में गठित एंटी रोमियो दस्ते बसस नाम के हैं। इसी का नतीजा है कि शोहदे बेखौफ हो गए हैं।
जागरण संवाददाता, (जौनपुर): छात्राओं व महिलाओं से छेड़खानी की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार के निर्देश पर थानों में गठित एंटी रोमियो दस्ते बस नाम के हैं। इसी का नतीजा है कि शोहदे बेखौफ हो गए हैं। कभी किसी घटना के तूल पकड़ने पर एण्टी रोमियो दस्ते के नाम पर महिला थाना प्रभारी व कुछ महिला सिपाही शहर में स्कूल-कालेजों के आस-पास एक-दो दिन कदमताल कर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर लेती हैं। यही वजह है कि इस साल अब तक पूरे जिले में एक दर्जन के आस-पास ही शोहदों के खिलाफ कार्रवाई हुई है।
शोहदों के कारण छात्राओं का स्कूल-कालेज आना-जाना मुश्किल हो गया है। खरीददारी या किसी अन्य कार्य से घर की दहलीज के बाहर पैर रखने में महिलाएं और किशोरियां हिचकिचाती हैं। राह चलते शोहदों की फब्तियों से शर्मसार होती हैं। मानसिक पीड़ा झेलती हैं लेकिन लोकलाज के चलते पीड़िता व उनके स्वजन थाने में तहरीर देने से कतराते हैं। इससे भी शोहदों का हौसला बढ़ता जा रहा है। स्कूल-कालेजों व कोचिग सेंटरों के इर्द-गिर्द छात्राओं के आने-जाने के समय बाइकर्स शोहदों की सक्रियता रोजाना देखी जा सकती है। कुछ तो ऐसे मनबढ़ हैं कि फब्तियां कसने के साथ ही बैड टच भी कर बैठते हैं। एंटी रोमियो दस्ता किसी दिन उच्चाधिकारियों के निर्देश पर सक्रिय भी होता है तो सिर्फ कालेजों के आस-पास। पुलिसकर्मी कभी संदिग्ध युवक की बाइक कब्जे में लेकर थाने उठा ले जाते हैं तो किसी को हिरासत में ले लेते हैं। कभी किसी की पैरवी पर चेतावनी देकर तो कभी सुविधा शुल्क लेकर छोड़ देते हैं।
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एण्टी रोमियो दस्ता पूरी तरह सक्रिय है। स्कूल-कालेजों के आस-पास नियमित रूप से शोहदों की गतिविधियों पर अंकुश लगाने को निगरानी की जाती है। महिला दारोगा व कांस्टेबल संदिग्ध युवकों व नजर रखती हैं। छेड़खानी की शिकायत पर त्वरित कार्रवाई की जाती है।
-डा. एके पांडेय एएसपी (सिटी)
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