सरकार की आमद मरहबा की सदा से गूंजा शहर
जिले भर में ईद मिलादुन्नबी बुधवार को पूरे जोशो-खरोश के साथ मनाया गया। पूरे शहर को दुल्हन की तरह सजाया गया था। अंजुमनों ने रात भर नाते नबी पेश की।
जागरण संवाददाता, जौनपुर: जिले भर में ईद मिलादुन्नबी बुधवार को पूरे जोशो-खरोश के साथ मनाया गया। पूरे शहर को दुल्हन की तरह सजाया गया था। अंजुमनों ने रात भर नाते नबी पेश की। फने सिपहगिरी के अखाड़े अपना हुनर दिखाते हुए अटाला मस्जिद तक पहुंचे। वहां उन्हें सम्मानित किया गया। इसके पूर्व कोतवाली चौराहा स्थित किदवई पार्क पर जलसा कौमी यकजहती का आयोजन हुआ। वक्ताओं ने सीरते नबी पर रोशनी डाली।
सबसे पहले शाही ईदगाह में जश्ने यौमुन्नबी पर एक जलसे का आयोजन किया गया। शुरुआत कलामे इलाही से इमाम कारी जिया ने किया। इसके बाद उन्होंने हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की सीरत बयां की। कहा कि हजरत की पैदाइश सन् 532 ईस्वी में मक्का में हुई। उस वक्त वहां पर जबरदस्त जाहिलियत फैली हुई थी। ऐसे में उन्होंने वहां से पूरी दुनिया को इंसानियत का पैगाम दिया। लोगों को जीने की सही राह दिखाई। आज हम लोगों को उन्हीं की राह पर चल कर दिखाना चाहिए ताकि पूरी दुनिया में अमन व सुकून बरकरार रहे। तत्पश्चात तमाम अंजुमन व अखाड़ों को मिर्जा दावर बेग ने हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। जुलूस अपने कदीमी रास्तों मछलीशहर पड़ाव, ओलंदगंज, शाहीपुल, चहारसू, हरलालका रोड, अलफस्टीनगंज से होता हुआ शाही अटाला मस्जिद पहुंच कर देर रात जलसे में तब्दील हो गया। इस दौरान शाही ईदगाह, शाही अटाला मस्जिद, शाही बड़ी मस्जिद, चहारसू चौराहा, हरलालका रोड, ओलंदगंज, शाही किला, किदवई पार्क, ओलंदगंज, शाहीपुल, अलफस्टीनगंज, जहांगीराबाद, शेख मोहामिद, नवाब यूसुफ रोड, मीरमस्त, रिजवी खां, मधारे टोला, पानदरीबा सहित पूरे नगर को विद्युत उपकरणों से दुल्हन की तरह सजाया-संवारा गया था। जुलूस के साथ चल रहे विभिन्न जनपदों से आए लोगों ने नाते नबी पढ़ने वाली अंजुमनों की हौसला अफजाई की। अंजुमनों ने सरकार की आमद मरहबा आदि नातिया कलाम पेश किया तो लोग झूम उठे। जुलूस के मार्गों पर शाम से ही वाहनों का आवागमन पूरी तरह से रोक दिया गया। नगर पालिका द्वारा जगह-जगह पेयजल व्यवस्था कराई गई थी। कमेटियों की तरफ से चाय और काफी का जगह-जगह स्टाल लगाया गया। जगह-जगह बनाए गए मंच पर मरकज के पदाधिकारियों ने अंजुमनों को कलाम के अनुसार प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार से नवाजा। इसके अलावा अखाड़ों के उस्तादों को भी उनकी टीम द्वारा दिखाए जाने वाले करतब के आधार पर पुरस्कृत किया गया। जुलूस में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए आला अधिकारी लगातार चक्रमण करते रहे। नगर समेत जनपद के विभिन्न इलाकों से आए जायरीनों ने जुलूस व जलसे में पूरी अकीदत के साथ शिरकत की।