तीन गांवों में एडीओ रोज लगाएंगे हाजिरी, सत्यता जाचेंगे अधिकारी
तीन गांवों में रोजाना एडीओ लगाएंगे हाजिरी सत्यता जाचेंगे अधिकारी
जागरण संवाददाता, जौनपुर : गांव की दशा बदलने को व्यवस्था भी बदल दी गई है। अब सभी ब्लाकों के एडीओ को तीन गांवों में रोजाना हाजिरी लगानी होगी। मसलन, सेक्रेटरी व ग्राम प्रधानों से मुलाकात कर अभिलेखों की न सिर्फ जांच करनी होगी, बल्कि विकास कार्यो को भी देखना होगा। वहीं एडीओ पंचायतों की मानीटरिग जिला पंचायत राज अधिकारी समेत जिलास्तरीय अधिकारी करेंगे। इसके लिए 218 अधिकारियों की टीम तैयार की गई है। तमाम प्रयास के बाद भी गांवों में अब भी शौचालयों का निर्माण नहीं हो सका है, जिसे प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने को यह पहल शुरू की गई है।
प्रत्येक एडीओ पंचायतों को वर्ष में चार बार एक गांव का निरीक्षण करना होता है। बकायदा पंचायती राज में इसका प्रावधान है, लेकिन कभी ऐसा होता नहीं। गांव पहुंचने की बजाय सेक्रेटरी व ग्राम प्रधानों को ब्लाक बुलाया जाता है या यूं कहें कि बीडीओ व एडीओ पंचायत पूरी तरह ग्राम प्रधान व सेक्रेटरी पर निर्भर रहते हैं जिसका फायदा प्रधान उठाते हैं। आंख मूंद कर भरोसा करने के फायदे को भी ब्लाक स्तर के अधिकारी बखूबी जानते हैं। इसका विपरीत प्रभाव ग्राम विकास पर पड़ रहा है। हालांकि अब ऐसा नहीं चलेगा। इन्हें गांव जाकर निरीक्षण करने, शौचालय व प्रधानमंत्री आवास की स्थिति देखने के साथ ही अभिलेखों का भी सत्यापन करना होगा। एडीओ द्वारा गांव से आने के बाद उसी गांव का निरीक्षण करने जिलास्तरीय अधिकारी भी जाएंगे। ऐसे में लापरवाही बरतने वाले एडीओ पर गाज गिरनी तय है। ब्लाकों की संख्या : 21
ग्राम पंचायतों की संख्या : 1749 ''इस बाबत जिलाधिकारी की ओर से निर्देश जारी कर दिया गया है जिसके आधार पर सभी एडीओ को तीन गांवों का रोजाना निरीक्षण करना है। वास्तविकता जांचने के लिए जिलास्तरीय अधिकारी भी उसी गांव में जाएंगे जहां एडीओ जा चुके होंगे। ऐसे में लापरवाही करने वालों पर निश्चित तौर पर कार्रवाई की जाएगी। इसका मुख्य उद्देश्य अधूरे शौचालयों को जल्द से जल्द पूरा कराना है। अभियान को दो मार्च से विस्तार दिया जाएगा।''
-संतोष कुमार, डीपीआरओ।