नगर विकास राज्यमंत्री के गृह क्षेत्र में कूड़े-कचरे का ढेर
जागरण संवाददाता, जौनपुर : कहने के लिए प्रदेश सरकार में नगर विकास राज्यमंत्री गिरीश चंद्र या
जागरण संवाददाता, जौनपुर : कहने के लिए प्रदेश सरकार में नगर विकास राज्यमंत्री गिरीश चंद्र यादव जिले के सदर विधायक हैं। इनकी पहचान भी जुझारू नेता के तौर पर होती जरूर है। बावजूद इसके राज्यमंत्री के ही गृह क्षेत्र नगर पालिका परिषद जौनपुर में जगह-जगह कूड़े-कचरे का ढेर लगा हुआ है। नगर से निकलने वाले कचरों के निस्तारण की कोई व्यवस्था नहीं की जा सकी है। लंबे समय से बन रहा सालिडवेस्ट मैनेजमेंट कुल्हनामऊ खामियों की भेंट चढ़ा चुका है।
नगर पालिका जौनपुर की आबादी 39 वार्डो में करीब तीन लाख के आसपास होगी। पूर्व में जहां 31 वार्डो के सापेक्ष 2.41 लाख आबादी थी। वर्तमान में नगर में रोजाना 82 टन कूड़ा निकल रहा है। इसे नगर के आसपास क्षेत्रों पचहटियां, चौकिया व गड्ढे वाले इलाकों में फेंका जा रहा है। कारण कि इसके निस्तारण की व्यवस्था नहीं है। कुल्हनामऊ में बन रहा सालिडवेस्ट मैनेजमेंट आज तक बनकर तैयार नहीं हो सका है। जिम्मेदारों की माने तो इसे 12.20 करोड़ की लागत से बनना है, इसके लिए कार्यदायी संस्था सीएनडीएस को 6.10 करोड़ दिए जा चुके है। निर्माण के नाम पर मात्र 40 फीसद ही कार्य पूरा हो सका है। इस कारण कूड़े-कचरों का निस्तारण नहीं हो पा रहा है। नगरीय क्षेत्रों में मानक के हिसाब से सफाईकर्मी मौजूद नहीं है। इससे मुख्य मार्ग, गलियों व सार्वजनिक स्थलों पर ठीक ढंग से सफाई नहीं हो पाती है। हर जगह पर कूड़े-कचरों का ढेर पड़ा रहता है। यह स्थिति तब है जब नगर के 45 हजार 700 घरों से प्रतिवर्ष सरकार को राजस्व के रूप में 8.44 करोड़ रुपये कर के रूप में दिया जाता है। बावजूद इसके उन्हें साफ-सफाई जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पा रही है। लोग कूड़े कचरे से जूझने को मजबूर हैं।
जरूरत 840 की, मौजूद सिर्फ 450 सफाईकर्मी
नगर पालिका परिषद जौनपुर की आबादी करीब तीन लाख के आसपास है। इसके तहत प्रति दस हजार हजार आबादी पर 28 सफाईकर्मियों को होना चाहिए। इसके तहत नगर पालिका परिषद जौनपुर में 840 सफाईकर्मियों की आवश्यकता है। जिसके सापेक्ष मात्र 450 सफाईकर्मी है। इसमें स्थायी सफाईकर्मी की संख्या 198, संविदा पर 74, आउटसोर्सिंग पर 178 हैं।
..तो 400 को मिलेगा रोजगार
सालिडवेस्ट मैनेजमेंट का निर्माण होने से कचरा निस्तारण की समस्या से लोगों को छुटकारा मिल जाएगा। नगरों से निकलने वाले रोजाना कचरों को वहां ले जाया जाएगा। जिससे खाद, बिजली व ईट बनाया जाएगा। इससे तकरीबन 400 युवाओं के हाथों में रोजगार होगा। वर्तमान में नगर से निकलने वाले कूड़ों को चौकियां की तरफ व लोगों के खाली गड्ढे को पाटने में प्रयोग किया जाता है।
माया टंडन-चेयरमैन-नगर पालिका परिषद जौनपुर
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सालिडवेस्ट से समस्या होगी हल
सालिडवेस्ट मैनेजमेंट बनने के बाद नगर से निकलने वाले कूड़ों का बेहतर तरीके से निस्तारण किया जा सकेगा। वर्तमान में आस-पास के इलाकों में कचरों को फेंका जा रहा है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत 20 से 25 वार्डो में डोर-टू-डोर कूड़ा उठाने का काम किया जा रहा है। जिससे सड़कों पर कूड़ा कम फेंका रहे। सफाई कर्मचारी दरवाजे पर जाकर कूड़ा उठा लेते है। रात्रिकालीन सफाई सार्वजनिक व भीडभाड़ वाले इलाकों में की जाती है।
अमित यादव-स्वच्छ भारत मिशन-जिला कार्यक्रम अधिकारी शहरी
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इंफो : आकड़ों पर गौर करें
-आबादी-करीब तीन लाख
-घर-45 हजार 700
-कर-8.44 करोड़ प्रतिवर्ष
-सफाई कर्मियों की संख्या-450
-स्थायी सफाईकर्मी-198
-संविदा सफाईकर्मी-74
-आउटसोर्सिंग-178
-रोजाना निकलने वाला कूड़ा-82 टन