हवा में आदेश, 80 फीसद पशु भी नहीं पहुंच सके आश्रय केंद्रों में
बेसहारा पशु अन्नदाताओं को बर्बादी के कगार पर पहुंचाने पर लग गए हैं। फसल उगते ही झुंड के झुंड खेतों में पहुंचकर उसे निवाला बनाने के साथ ही रौंदकर नष्ट कर दे रहे हैं।
जागरण संवाददाता, जौनपुर: बेसहारा पशु अन्नदाताओं को बर्बादी के कगार पर पहुंचाने पर लग गए हैं। फसल उगते ही झुंड के झुंड खेतों में पहुंचकर उसे निवाला बनाने के साथ ही रौंदकर नष्ट कर दे रहे हैं। मुख्यमंत्री, प्रमुख सचिव की वीडियो कांफ्रेसिग, जिलाधिकारी की बैठकों और पत्राचार के बाद हर माह करोड़ों रुपये पशु आश्रय केंद्रों पर खर्च होने के बाद भी समस्या कम होने की बजाय दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। स्थिति यह है कि मात्र बीस फीसद ही पशु आश्रय केंद्रों में पहुंच सके हैं। 80 फीसद पशुओं खेतों में विचरण करते फसलों को नष्ट कर रहे हैं। किसानों के हितैषी होने का दावा करने वाले जनप्रतिनिधि भी इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं। अरमानों की फसल नष्ट होने से आक्रोशित अन्नदाता को कार्रवाई के भय से दबा दिया जा रहा है। वह क्या करें अब उन्हें समझ में नहीं आ रहा है।
सिगरामऊ, बरईपार, चंदवक, केराकत, बदलापुर, मीरगंज सहित विभिन्न गांवों में बेसहारा पशुओं द्वारा की जा रही फसलों के नुकसान को देखते हुए दिन और रात की पाली बनाकर किसान अपने खेतों की रखवाली कर रहे हैं। खेती-किसानी के दौरान बढ़े इस नए काम को लेकर उनमें बेबसी और आक्रोश दोनों दिख रहा है। किसान वीर बहादुर सिंह द्वारा अपने परिवार के तीन लोगों को खेतों की सुरक्षा के लिए लगाया गया है। यह लोग आठ घंटे जाग कर खेतों की रखवाली करते हैं। थानागद्दी इलाके में बेसहारा जानवरों की बढ़ती संख्या और उनके आतंक से घबराकर किसानों में फसल नुकसान को लेकर भय व्याप्त हो गया। एक दूसरे के खेत में हांकने को लेकर हो रहा तू-तू, मै-मै
चंदवक (जौनपुर) : फसलों के दुश्मन बने बेसहारा पशु कभी बड़ी घटना का सबब बन सकते हैं, कारण कि आएदिन एक दूसरे पुरवों, गांवों से मारपीट तक की नौबत आ जा रही है। देररात तक इन पशुओं को एक दूसरे बस्ती और खेतों के पास खदेड़ने का क्रम चलता रहता है। इस बीच छिटपुट झड़प बढ़कर कभी बड़ी घटना से इन्कार नहीं किया जा सकता है। बोले जिम्मेदार..
जनपद में 83 गोशालाओं में 7385 बेसहारा पशुओं को रखा गया है। बाहर विचरण कर रहे पशुओं को सभी विकास खंडों में अभियान चलाकर पकड़ा जा रहा है। जिले में 21 और अस्थाई बेसहारा पशु आश्रय केंद्र बनाए जा रहे हैं। शीघ्र ही किसानों को बेसहारा पशुओं से पूर्ण रूप से निजात मिल जाएगी।
-डाक्टर वीरेंद्र सिंह, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी।