निर्वाचन कार्यालय के स्टोर में पहुंची 765 वीवीपैट
जागरण संवाददाता जौनपुर जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहा है वैसे ही जिला निर्वाचन कार्यालय द्वारा अपनी कमर कसी जा रही है। जिले में चुनाव आयोग ने मुजफ्फरपुर से 765 वीवीपैट भेजा है। यह मशीने निर्वाचन कार्यालय के स्टोर में पहुंच चुकी है। जिसकी जांच भारत इलेक्ट्रानिक लिमिटेड के इंजीनियरों द्वारा की जा रही है।
जागरण संवाददाता, जौनपुर : जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहा है वैसे ही जिला निर्वाचन कार्यालय द्वारा अपनी कमर कसी जा रही है। जिले में चुनाव आयोग ने इसे मुजफ्फरपुर से 765 वीवीपैट भेजा है। यह मशीने निर्वाचन कार्यालय के स्टोर में पहुंच चुकी है। जिसकी जांच भारत इलेक्ट्रानिक लिमिटेड के इंजीनियरों द्वारा की जा रही है।
जिले में जौनपुर व मछलीशहर दो लोकसभा क्षेत्र है, जिसमें कुल 3455 बूथ है। चुनाव को संपंन्न कराने के लिए कुल 5781 बैलेट यूनिट, 4216 कंट्रोल यूनिट, 4491 वीवीपैट की आवश्यकता है। इसमें बैलेट यूनिट 160 फीसद, कंट्रोल यूनिट 120 फीसद, वीवीपैट 130 फीसद रहेगा। इनकी संख्या इस वजह से ज्यादा रहती है कि मशीने खराब होने पर रिजर्व वाली संख्या को उसमें प्रयोग किया जा सके। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा भारत इलेक्ट्रानिक लिमिटेड मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस को चुनाव के लिए ईवीएम, वीवीपैट सप्लाई व सर्विस की जिम्मेदारी दी गई है। इसके तहत 765 वीवीपैट जिले में पहुंचने के बाद कंपनी के इंजीनियरों द्वारा इसकी जांच की जा रही है। अक्सर ट्रकों से मशीने को पहुंचाने के दौरान तीन से पांच फीसद मशीने खराब हो जाती हैं। किसी का साफ्टवेयर से लेकर तो किसी के कुछ पार्ट खराब हो जाते हैं। इसको देखते हुए मशीन पहुंचने पर पुन: इंजीनियर इसकी फर्स्ट लेवल चेकिग करते हैं। कमी होने पर इंजीनियरों द्वारा साफ्टवेयर इंस्टालेशन व अन्य चीजों को दुरुस्त किया जाता है। इतने वीवीपैट को जांचने में करीब चार से पांच दिल लगेंगे। तीन इंजीनियर लगाए गए है। एक दिन में औसतन टीम 120 के करीब मशीन को चेक कर लेती हैं। अभी तक 80 मशीनों की जांच हो गई है। क्या बोले जिम्मेदार :
इस बाबत सहायत निर्वाचन अधिकारी बृजेश चौबे ने बताया कि चुनाव आयोग के निर्देश पर मुजफ्फरपुर से 765 वीवीपैट आया है। जिसकी इंजीनियरों द्वारा फर्स्ट लेवल चेकिग की जा रही है। कोई भी खराबी होने पर पुन: इसको वापस भेजकर इसकी जगह दूसरा मंगाया जाएगा।