बजट के अभाव में नहीं बन सके 68 हजार शौचालय
गांवों को खुले में शौच मुक्त करना सरकार की प्राथमिकता है। इसके लिए पानी की तरह पैसा बहाया जा रहा है। हर साल जिलों को शौचालय बनाने के लिए लक्ष्य आवंटित कर पात्रों का चयन भी किया जाता है लेकिन व्यवस्था में खामी के चलते शासन की मंशा पूरी नहीं हो पा रहा है। इस बार में भारी-भरकम लक्ष्य के सापेक्ष 6
जागरण संवाददाता, जौनपुर: गांवों को खुले में शौच मुक्त करना सरकार की प्राथमिकता है। इसके लिए पानी की तरह पैसा बहाया जा रहा है। हर साल जिलों को शौचालय बनाने के लिए लक्ष्य आवंटित कर पात्रों का चयन भी किया जाता है, लेकिन व्यवस्था में खामी के चलते शासन की मंशा पूरी नहीं हो पा रहा है। इस बार में भारी-भरकम लक्ष्य के सापेक्ष 68 हजार शौचालय अधूरे रह गए। इसको 30 जून तक 100 फीसद पूरा करना था। गतिरोध का प्रमुख कारण बजट का अभाव है। ऐसे में गांव को कैसे ओडीएफ किया जाएगा।
वर्ष 2018-19 में ओडीएफ प्लस शौचालय के तहत एक लाख 32 हजार 271 शौचालय बनाने थे। इसमें चिन्हीकरण का कार्य नवंबर तक किया गया। शेष धनराशि की डिमांड भेज दी गई है। जिसके सापेक्ष बजट मिलने पर मार्च में कार्य शुरू कराया गया। पहली किश्त 64 हजार शौचालयों के लिए 87 करोड़ प्राप्त हुई थी। इसके सापेक्ष 72 हजार शौचालयों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। बजट से अधिक का कार्य भी प्रोत्साहन के तौर पर कराया गया। शेष बचे 68 हजार शौचालयों के लिए 81 करोड़ के बजट की डिमांड की गई। बजट आते ही इसको कराया जाना है। लक्ष्य के सापेक्ष मात्र 55 फीसद कार्य पूरा हुआ है। वहीं वर्ष 2018-19 के तहत 4.4 लाख बेसलाइन शौचालय का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। निकायों में नहीं बन सके 1348 शौचालय :-
जिले के नौ नगर निकाय में 1348 शौचालय का निर्माण नहीं पूर्ण हो सका। जिले के कुल निकायों में आठ हजार 399 शौचालय के सापेक्ष सात हजार 51 शौचालय बने। यह कुल लक्ष्य के सापेक्ष 90 फीसद है। नगर पालिका जौनपुर में दो हजार 379 शौचालय के सापेक्ष 1840, नगर पालिका शाहगंज में 675 के सापेक्ष 470, नगर पालिका मुंगराबादशाहपुर में 525 की तुलना में 450, नगर पंचायत मड़ियाहूं में 829 में 760, नगर पंचायत केराकत में 450 में से 415, नगर पंचायत खेतासराय में 855 में 821, नगर पंचायत जफराबाद में 744 में 600, नगर पंचायत मछलीशहर में 952 में 865, नगर पंचायत बदलापुर में 1010 में 908 शौचालयों का निर्माण हुआ है। लक्ष्य से पीछे रह जाने कारण यह पता चला कि शौचालय निर्माण की धनराशि आठ हजार रुपये को कम बताया रहा है तो कुछ अन्य कारणों से बाधा बनी हुई है। क्या बोले जिम्मेदार : जिला परियोजना समन्वयक ग्रामीण क्षेत्र अनूप सिंह ने बताया कि शासन को शेष धनराशि के लिए बजट की डिमांड भेजी गई है। मिलते ही काम शुरू कराया जाएगा। जिला परियोजना समन्वयक नगरीय क्षेत्र अमित यादव ने बताया कि उनका 90 फीसद कार्य हो गया है। बाकी शेष कार्य भी जुलाई तक पूर्ण करा लिए जाएंगे।