सुविधा को बनाए गए 52 सामुदायिक शौचालय, प्रयोग में एक भी नहीं
आमलोगों की सुविधा का हवाला देते हुए विभिन्न गांवों में 52 सामुदायिक शौचालय तो बनवा दिए गए लेकिन प्रयोग में एक भी नहीं हैं। शौचालयों को पूर्ण करने के लिए दिए गए तमाम दिशा-निर्देशों का भी जिम्मेदारों पर कोई असर नहीं पड़ा। यही वजह है कि तमाम गांवों में अभीतक निर्माण पूर्ण नहीं हो सका है। जो बनकर तैयार हैं वहां ताला लटक रहा है जिससे जरूरतमंदों को सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
जागरण संवाददाता, मुफ्तीगंज (जौनपुर) : आमलोगों की सुविधा का हवाला देते हुए विभिन्न गांवों में 52 सामुदायिक शौचालय तो बनवा दिए गए, लेकिन प्रयोग में एक भी नहीं हैं। शौचालयों को पूर्ण करने के लिए दिए गए तमाम दिशा-निर्देशों का भी जिम्मेदारों पर कोई असर नहीं पड़ा। यही वजह है कि तमाम गांवों में अभीतक निर्माण पूर्ण नहीं हो सका है। जो बनकर तैयार हैं वहां ताला लटक रहा है, जिससे जरूरतमंदों को सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
ग्राम पंचायतों में जगह के हिसाब से दो व चार शीटर शौचालयों का निर्माण कराया गया है। बावजूद इसके गांव में तमाम लोग खुले में शौच करने को मजबूर हैं। शौचालयों के संचालन को लेकर प्रधान से लेकर सचिवों तक को निर्देश दिया गया है, लेकिन इसका कहीं असर होता नहीं दिख रहा है। कहा यह भी जा रहा है कि शौचालयों के संचालन का जिम्मा समूहों को नहीं सौंपने की वजह से भी दिक्कत हो रही है। आमलोगों को इस सुविधा का लाभ भले ही नहीं मिल पा रहा है, लेकिन संबंधित प्रधान अपने सुविधा के हिसाब से इसका इस्तेमाल जरूर कर रहे हैं।
देख-रेख के अभाव में कुछ शौचालय खंडहर में तब्दील हो गए हैं। हनुवाडीह, विझवार, सारंग, घुरहूपुर व निशान सहित अन्य कई गांवों में निर्माण अभीतक पूर्ण नहीं हो सका है।
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सरकार की ओर से भारी-भरकम बजट खर्च कर सामुदायिक शौचालयों का निर्माण तो करा दिया गया, लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही की वजह से लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।
रमेश तिवारी, घुरहूपुर।
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गांव में तमाम लोगों को पता ही नहीं यहां कोई सामुदायिक शौचालय का निर्माण भी हुआ है। इनके निर्माण में सरकारी धन लगने के बाद भी लोगों को सुविधा नहीं मिल रही है।
- राम दुलार यादव, पसेवा।
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सामुदायिक शैचालयों में ताला बंद करना समझ के परे है। जब इन्हें बंद ही रखना था तो बनाया ही क्यों गया। इसकी जवाबदेही तय होनी चाहिए।
- शिवपूजन वर्मा, बलईपुर।
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बोले अधिकारी..
एक सप्ताह के भीतर अधूरे सामुदायिक शौचालयों को पूर्ण करने का निर्देश दिया गया है। शौचालयों का संचालन समूहों को करना है। इसमे जो भी लापरवाही करेगा कार्रवाई की जाएगी।
सलीम अंसारी, बीडीओ।