जौनपुर के बदलापुर में मुठभेड़ में ढेर विनोद सिंह पर विभिन्न थानों में दर्ज हैं 25 मुकदमे
जौनपुर जिले में शुक्रवार को मारे गए विनोद सिंह पर जिले और पड़ोस के थानों में कुल 25 मुकदमों में उसकी संलिप्तता प्रारंभिक तौर पर सामने आई है। पुलिस के अनुसार उसके अपराध की कुंडली ही उसके खात्मे की वजह बनी।
जागरण संवाददाता, सिकरारा (जौनपुर)। Encounter in Jaunpur। वर्ष 2004 में सरपतहां क्षेत्र में हत्या कर जरायम की दुनिया में कदम रखने वाले विनोद कुमार सिंह पर जनपद के विभिन्न थानों में हत्या, हत्या के प्रयास, लूट व छिनैती सहित कुल 25 मुकदमे दर्ज हैं।
एक लाख का इनामी विनोद कुमार सिंह सरपतहां क्षेत्र के छीतमपट्टी का निवासी है। वर्ष 2004 में सरपतहां में हत्या करने के बाद विनोद का आतंक धीरे-धीरे बदलापुर, खुटहन, बक्शा, लाइन बाजार, सिंगरामऊ थाना क्षेत्र में बढ़ता गया। इस दौरान वर्ष 2005 में सरपतहां थाने में गुंडा एक्ट, 2007 में छिनैती, चोरी किए गए सामान की बरामदगी व आपराधिक खड़यंत्र, 2007 में ही गैंगस्टर एक्ट, 2012 में आर्म्स एक्ट, बरामदगी, लूट, चोरी, व गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा दर्ज हुआ।
इसके बाद 2007 में थाना बदलापुर में हत्या का प्रयास व आर्म्स एक्ट, 2022 में हत्या का प्रयास, धोखा, फरेब, छल व आर्म्स एक्ट का मुकदमा दर्ज हुआ। 2008 में खुटहन थाने में लूट के साथ हत्या का प्रयास का मुकदमा दर्ज हुआ। 2012 में बक्शा में गम्भीर अपराध कार्य करने को अपने को छिपाने का मुकदमा दर्ज हुआ। वर्ष 2019 में लाइन बाजार थाना में फिरौती मांगने सहित चार मुकदमे दर्ज हुए। सिंगरामऊ थाने में भी गैंगस्टर एक्ट, आर्म्स एक्ट सहित पांच मुकदमा दर्ज हैं।
बिगड़ता चला गया विनोद
पुलिस मुठभेड़ में मारे गए छीतमपट्टी निवासी विनोद के सिर से मां का साया बचपन में ही छिन गया था। पिता रणजीत सिंह की भी लगभग 15 वर्ष पहले मौत हो चुकी है। वह प्राइवेट जीप पर खलासी का काम कर किसी तरह परिवार का भरण-पोषण करते थे। विनोद के मारे जाने की खबर जब गांव के लोगों को मिली तो किसी को कोई खास आश्चर्य नहीं हुआ। जैसे लोगों को पहले से ही पता था कि उसके साथ एक दिन ऐसा ही होगा। लोग बताते हैं कि काफी कम उम्र में मां की मौत हो जाने तथा पिता के ज्यादातर समय घर पर न होने के कारण विनोद बिगड़ता चला गया। कुल चार भाइयों पप्पू सिंह, बबलू सिंह तथा मनोज सिंह में विनोद दूसरे नंबर पर था। वैसे तो वह गांव में कम ही रहता था, किंतु कुछ वर्षों पहले यहां से अपने हिस्से की जमीन बेचकर खुटहन क्षेत्र के मेढ़ा ससुराल चला गया था।
जिंदा या मुर्दा
टाप-50 में शुमार भारतीय पुलिस सेवा के 2009 बैच के जांबाज अफसर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय कुमार साहनी अब तक पांच सौ से ज्यादा कुख्यात अपराधियों को मुठभेड़ में जिदा या मुर्दा पकड़ चुके हैं। साहनी महकमे में एनकाउंटर स्पेशलिस्ट माने जाते हैं। बक्शा क्षेत्र के ही धनियामऊ बाजार में गत वर्ष नौ अगस्त को एटीएम कैश वैन लूट के प्रयास के दौरान गार्ड की गोलियों से छलनी कर हत्या कर देने वाले दो शातिर अंतरजनपदीय लुटेरों को 12 घंटे के भीतर मार गिराने के बाद उनका नाम हर किसी की जुबान पर आ गया था। इन्होंने अब तक तीन दर्जन के आस-पास अपराधियों को मुठभेड़ में ढेर किया है। इसके साथ ही लगभग 500 अपराधियों को घायल होने के बाद गिरफ्तार किया।
ऐसे किया ढेर
देवरिया व बरपुर के बाशिंदे शुक्रवार की शाम उस समय दहल उठे जब अचानक गोलियों की तड़तड़ाहट से पूरा इलाका गूंज उठा। पीली नदी के दोनों किनारों पर बसे दोनों गांवों के बीच नदी के पुल के पास बदमाशों व पुलिस का आमना-सामना हुआ। मुठभेड़ में एक लाख के इनामी कुख्यात विनोद सिंह के ढेर होने की पुष्टि होने पर लोग पुलिस को शाबासी देने लगे। ग्रामीणों के अनुसार देवरिया-बरपुर गांव स्थित जंगल के पास शाम करीब पांच बजे से पुलिस की हलचल शुरू हुई।
देखते ही देखते पूरा इलाका पुलिस सायरन बजते वाहनों से घिर गया। फिर अचानक गोलियों की तड़तड़ाहट सुनाई पड़ने लगी। सहम उठे खेतों में मवेशियों के लिए चारा काट रहे पशुपालक भाग गए। लगभग साढ़े आठ बजे रात तक पूरे जंगल क्षेत्र को पुलिस चारों तरफ से घेरकर लोगों का आना-जाना रोककर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अधीक्षक अजय कुमार साहनी सहित पुलिस टीम कांबिंग करती रही। बीच-बीच में गोलियों की आवाज सुनाई पड़ती रही।