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1.32 लाख आवेदकों को छत का इंतजार

केंद्र सरकार की तरफ से शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबों व बिना छत वाले आम लोगों को भी 2022 तक छत मुहैया कराने का लक्ष्य है। इसमें अभी भी ग्रामीण क्षेत्रों में 1.32 लाख आवेदकों को छत का इंतजार है। इन सभी ने आवास प्लस के तहत आवेदन किया है यह सर्वे के इंतजार लटका है। बीते वित्तीय वर्ष में तीन हजार 194 गरीबों के आवास पूर्ण हो सके। बाकियों का सपना पूरा होने में किश्त का इंतजार है। वहीं शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में कागजों पर तैयार आवास मौके पर अधूरे है जो व्यवस्था की पोल खोल रही है। ऐसे में सरकार को व जिला प्रशासन को जमीनी स्तर पर सफल बनाने के लिए अभी और प्रयास की दरकार है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Mar 2019 07:36 PM (IST)Updated: Wed, 20 Mar 2019 07:36 PM (IST)
1.32 लाख आवेदकों को छत का इंतजार
1.32 लाख आवेदकों को छत का इंतजार

दीपक उपाध्याय, जौनपुर :

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केंद्र सरकार की तरफ से शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबों व बिना छत वाले आम लोगों को भी 2022 तक छत मुहैया कराने का लक्ष्य है। इसमें अभी भी ग्रामीण क्षेत्रों में 1.32 लाख आवेदकों को छत का इंतजार है। इन सभी ने आवास प्लस के तहत आवेदन किया है, यह सर्वे के इंतजार में लटका है। बीते वित्तीय वर्ष में तीन हजार 194 गरीबों के आवास पूर्ण हो सके। शेष का सपना पूरा होने में किश्त का इंतजार है। वहीं शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में कागजों पर तैयार आवास मौके पर अधूरे है जो व्यवस्था की पोल खोल रही है। ऐसे में सरकार को व जिला प्रशासन को जमीनी स्तर पर सफल बनाने के लिए अभी और प्रयास की दरकार है। सरकारी अमला भी सत्यापन में कोरमपूर्ति तक सीमित है।

प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत जिले में अब तक 27 हजार 57 आवास बनाने का लक्ष्य था। इसमें से 22 हजार 970 गरीबों का आवास बनकर तैयार हो गया है, जबकि तीन हजार 841 आवास बाकी है। इसमें कितनों का खाता सत्यापन नहीं हो पा रहा तो जांच में दर्जनों अपात्र पाए गए। लाभ 2011 की सूची में अंकित लोगों को दिया गया। जिओ टैगिग के बाद पहली किश्त 40 हजार, दूसरी किश्त 70 हजार, तीसरी किश्त 10 हजार रुपये की धनराशि दी जाती है।

वहीं पीएम आवास योजना शहरी में शहरी क्षेत्रों में रहने वाले सभी बेघरों को मकान दिया जाता है। जिसका पूरे भारत में पक्का मकान न हो। जिसकी वार्षिक आय तीन लाख तक हो। इसके तहत अब तक 8800 मकान के लिए डिमांड भेजी गई था। इसकी स्वीकृति मिल गई है। करीब एक हजार को प्रथम किश्त तो 700 पात्रों को दूसरी किश्त भेजी जा चुकी है। बाकी आगे की प्रक्रिया चुनावी चक्र में फंसकर रह गई है। इसके अलावा 1600 और नए पात्रों का डिमांड बनाकर शासन को भेजा गया है। शहरी आवास योजना में पात्रों का मकान एनबीसी मानक के अनुरूप 3.26 लाख रुपये में बनना है। कुल लागत में ढाई लाख रुपये सरकार देगी तो 76 हजार रुपये लाभार्थी का अंश होता है। इसको उसे स्वयं श्रम करके या उतनी धनराशि देकर पूरा करना होता है।

इसमें दो कमरा, एक शौचालय, स्नानागार, किचन होगा। यह बोले जिम्मेदार :-

परियोजना अधिकारी अरविद सिंह ने बताया कि आवास प्लस के तहत 1.32 लाख लोगों ने आवेदन किया है। इसमें आश्रय विहीन परिवार, बेहसहारा, भीख मांगने वाले, हाथ से मैला ढोने वाले परिवार, बंधुआ मजदूर आदि को आवेदन करना है। पात्रों के चयन के लिए बीडीओ स्तर जांच कराई जाएगी। जिले में कुल 27 हजार 57 के सापेक्ष 22 हजार 970 आवास पूरा हो गया है। पीओ डूडा अनिल वर्मा ने बताया कि सभी पात्रों को किश्त भेजी जा रही है।


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