दस साल से खड़े 118 स्वास्थ्य केंद्रों के ढांचों को आदेश का इंतजार
जिले के 118 स्वास्थ्य उपकेंद्रों के अधूरे भवनों को दस साल से आदेश क
जागरण संवाददाता, जौनपुर: जिले के 118 स्वास्थ्य उपकेंद्रों के अधूरे भवनों को दस साल से आदेश का इंतजार है। कार्यदायी संस्था यूपी राज्य निर्माण एवं श्रम विकास सहकारी संघ (लैकफेड) ढांचा खड़े कर गायब हो गई है। काली सूची में डाली गई इस संस्था के खिलाफ लखनऊ में धनराशि गबन का मुकदमा लंबित होने के कारण कार्य बाधित हो गया है।
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन योजना के तहत जनपद में 118 उपकेंद्रों के निर्माण के लिए वर्ष 2010 में स्वीकृति प्रधान की गई। एक उपकेंद्र की लागत 8.19 लाख के हिसाब से शासन से 996.42 लाख रुपये अवमुक्त भी कर दिया गया। कार्यदायी संस्था यूपी राज्य निर्माण एवं श्रम विकास सहकारी संघ लखनऊ को निर्माण की जिम्मेदारी देने के साथ ही कई किस्तों में 543.60 लाख रुपये विभाग ने अवमुक्त भी कर दिया है। एनआरएचएम घोटाले की जांच शुरू होने कारण वर्ष 2011 में कुछ दिनों के लिए कार्य अवरुद्ध हो गया था। इसी बीच कार्यदायी संस्था काली सूची में चली गई और ठेकेदारों ने निर्माण से हाथ खड़े कर दिए।
निर्माण के लिए कई बार नोटिस दिया गया, लेकिन कार्य शुरू नहीं किया गया। इसके बाद लखनऊ में संस्था के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत करा दिया गया है। अधिकांश उपकेंद्रों की नींव, कुर्सी व लिटर तक ही कार्य हो पाया है। एक भी भवन तैयार नहीं हो पाए हैं। उपकेंद्र न बनने से सुदूर ग्रामीण अंचलों में टीकाकरण, प्राथमिक उपचार, प्रसव पूर्ण जांच, दवाओं का वितरण आदि में परेशानी हो रही है। उपकेंद्र के निर्माण की शेष धनराशि विभाग के खाते में पड़ी है। कार्य शुरू करने के लिए लैकफेड के एमडी को कई बार पत्र भेजा गया, लेकिन उन्होंने कोई पहल नहीं की है। इस संदर्भ में उच्चाधिकारियों को भी पत्र लिखा गया है। भवन अधूरा होने से चिकित्सकीय व्यवस्था में व्यवधान आ गया है।
-जिया लाल सोनकर, जेई स्वास्थ्य विभाग।