8.42 लाख किसान, सिर्फ 11 हजार के फसलों का हुआ बीमा
जागरण संवाददाता जौनपुर प्रकृति की मार से फसलों को होने वाली क्षति से अन्नदाताओं को बचाने
जागरण संवाददाता, जौनपुर: प्रकृति की मार से फसलों को होने वाली क्षति से अन्नदाताओं को बचाने के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू है। इस महत्वाकांक्षी योजना की जनपद में स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि खरीफ अभियान के 8.42 लाख किसानों में सिर्फ 11 हजार के ही फसलों का बीमा हुआ है। जिन किसानों ने बीमा कराया है उनमें अधिकांश ने खेती के लिए ऋण लिया है।
पिछले कई सालों से अवर्षण, ओलावृष्टि, तूफान आदि के चलते फसलें नष्ट हो रही हैं। कर्ज लेकर खून-पसीने बहाकर खेती करने वाले अन्नदाता बर्बाद हो रहे थे। नुकसान से बचाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू की गई है। जिले में खरीफ की उर्द, तिल, धान, मक्का, बाजरा, ज्वार और अरहर की फसल का बीमा होना था। जानकारी के अभाव या व्यवस्था में खामी के चलते किसान क्रेडिट कार्ड पर कर्ज लेकर बोई गई फसलों का ही बीमा हो पाया है। गिनती के गैर ऋणी किसानों को योजना का लाभ मिल पाया है।
जानकारी का है अभाव
जनपद में एचडीएफसी एरगो बीमा कंपनी योजना की कमान संभाली है। दो प्रतिशत मामूली प्रीमियम के बावजूद जानकारी व प्रचार-प्रसार के अभाव में किसान इस बीमा योजना से नहीं जुड़ पाए। खामी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जिले कुल 842952 किसानों में 11179 के फसलों का बीमा हो पाया है। बीमा कराने वालों में महज 250 गैर ऋणी किसान हैं। फसल बीमा योजना पर भी वैश्विक महामारी का असर वैश्विक महामारी कोरोना का असर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना पर भी पड़ा है। महामारी के चलते फसलों का बीमा कराने वालों की संख्या पिछले साल से घट गई है। आंकड़ों के मुताबिक गतवर्ष कुल 19310 किसानों की फसलों का बीमा हुआ था। इसमें 18738 ऋणी व 572 गैर ऋणी किसान थे। बीमित क्षेत्रफल 9683.487 हेक्टेयर रहा। वहीं इस साल ऋणी व गैर ऋणी दोनों संख्या घटकर महज 11179 किसान ही योजना से जुड़े हैं। बीमित क्षेत्रफल भी घटकर 5482 हेक्टेयर रह गया है। जनपद फसल बीमा की स्थिति-
कुल किसान-842952
खेती का दायरा-235450 हेक्टेयर
बीमा कराने वाले किसान-11179
ऋणी किसान-110929
गैर ऋणी किसान-250
बीमित क्षेत्रफल-5482 हेक्टेयर
बीमित धनराशि-386.80 लाख
कुल प्रीमियम-158.00 लाख
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सरकार द्वारा चलाई जा रही महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से जुड़ने के लिए किसानों को गोष्ठियों व बैठकों के माध्यम से अनवरत जागरूक किया जाता है। इतना ही नहीं इसके लिए ग्रामीणांचलों में प्रचार वाहनों ने भी भ्रमण किया। कम किसानों से जुड़ने में बीमा कंपनी भी कम जिम्मेदार नहीं है।
-जय प्रकाश, उपनिदेशक कृषि।