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घट रहीं यमुना, किसानों की फसल डूबी

संवाद सहयोगी, कालपी : रविवार की शाम से तेजी से बढ़ रहा यमुना का जलस्तर मंगलवार को घटना

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 Sep 2018 08:50 PM (IST)Updated: Tue, 11 Sep 2018 08:50 PM (IST)
घट रहीं यमुना, किसानों की फसल डूबी
घट रहीं यमुना, किसानों की फसल डूबी

संवाद सहयोगी, कालपी : रविवार की शाम से तेजी से बढ़ रहा यमुना का जलस्तर मंगलवार को घटना शुरू हो गया। हालांकि बाढ़ के पानी में यमुना पट्टी के गांवों के किसानों की फसल और सब्जी पानी में डूबी हुई है। जिससे अन्नदाताओं को भारी नुकसान हुआ है। मंगलवार को यमुना का जलस्तर 105.11 मीटर दर्ज किया गया। एसडीएम ने नुकसान का आंकलन करने के निर्देश दिए है।

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कोटा बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद रविवार से ही यमुना काम जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा। सोमवार की रात तक यमुना का जलस्तर 105.52 मीटर तक पहुंच गया। मंगलवार को जलस्तर 6 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से कम होने लगा। सुबह 11 बजे तक 105.11 मीटर दर्ज किया गया। यमुना में आई बाढ़ से दहेलखंड नरहान, सिमरा, पडरी, मंगरौल, मैनूपुर, देवकली, गुढ़ाखास, हीरापुर, मदारपुर आदि गांवों के किसानों की तिली व सब्जी की फसल पानी में डूब गई।

राजघाट के कछार से लेकर यमुना के किनारे, जौधर व पडरी रपटा के किनारे के खेतों में बोआई की गई कई एकड़ फसल अभी भी पानी में डूबी हुई है। जिससे किसानों को भारी क्षति हुई है।

खेत हुए जलमग्न

देवकली के देवीदयाल, हीरापुर के दयाशंकर, वीर ¨सह, मदारपुर के पप्पू और कैलाश आदि किसानों ने बताया कि हम लोगों के खेत यमुना नदी व जौधर रपटे के किनारे हैं। बाढ़ के पानी में खेत जलमग्न हो गए हैं, जिससे पूरी फसल बर्बाद हो गई। फसल नष्ट होने से किसानों के आगे बड़ा संकट आ गया है।

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गिरना शुरू हुआ जलस्तर

सोमवार रात तक यमुना का जलस्तर 105.52 मीटर पहुंच गया था, जो भोर से गिरना शुरू हो गया। केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक सुबह 11 बजे जलस्तर 105.11 मीटर दर्ज किया गया। 6 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से जलस्तर घट रहा है। अनुमान है कि शाम तक जलस्तर लगभग एक मीटर तक घट जाएगा।

नाव से हो रहा आवागमन

इधर, जौधर नाले के रपटे के ऊपर पानी बहने से आवागमन नाव से ही हो रहा है। यमुना पट्टी के गांव के लोगों को परेशानी काम सामना करना पड रहा है।

घाट पर सीढि़यों तक पहुंचा पानी

नगर के किलाघाट, पीलाघाट व ढोडेश्वर घाट पूरी तरह से पानी में डूबे हैं। किलाघाट पर तो राधा माधव मंदिर की सीढि़यों तक पानी पहुंच गया है। प्रशासन भी बाढ़ पर निगाहें जमाए हुए है।

लेखपालों को निर्देश

एसडीएम सुनील कुमार शुक्ला ने बताया कि बाढ़ से फसलों को हुए नुकसान का आंकलन करने के लिए लेखपालों को निर्देश दिए गए हैं। आंकलन के बाद जिलाधिकारी को फसल की क्षति के बारे में रिपोर्ट भेजी जाएगी।


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