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यमुना खतरे के निशान से ऊपर, सड़क पर चली नाव

खतरे के निशान के उपर बह रही यमुना खतरे के निशान के उपर बह रही यमुना खतरे के निशान के उपर बह रही यमुना खतरे के निशान के उपर बह रही यमुना

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Aug 2019 05:17 PM (IST)Updated: Mon, 19 Aug 2019 06:30 AM (IST)
यमुना खतरे के निशान से ऊपर, सड़क पर चली नाव
यमुना खतरे के निशान से ऊपर, सड़क पर चली नाव

संवाद सहयोगी, कालपी : कोटा बैराज व हथिनी कुंड बांध से पानी छोड़ने के बाद दूसरे दिन रविवार को यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ गया। दोपहर बाद नदी खतरे के निशान को पार कर गई। इससे यमुना पट्टी के गांवों में हड़कंप मच गया। नगर के सभी घाट बाढ़ में डूब चुके हैं। यमुना किनारे जीतामऊ से लेकर इकौना तक नदी किनारे किसानों की फसलें बाढ़ में डूब गईं। हालत यह है कि कुछ जगहों पर सड़क पर नाव चल रही है। रविवार को यमुना का जलस्तर 108.03 मीटर दर्ज किया गया।

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कोटा बैराज व हथिनी कुंड बांध से पानी छोड़े के बाद यमुना भीषण रूप से उफान मार गई। शनिवार से तेजी से जलस्तर बढ़ने लगा। चंद घंटों में नगर के किलाघाट, पीलाघाट, ढोढ़ेश्वर घाट व बाईघाट बाढ़ के पानी में डूब चुके हैं। केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक शनिवार को यमुना का जलस्तर 100.55 मीटर दर्ज किया गया था, जो कि रविवार की दोपहर 12 बजे 107.85 मीटर पहुंच गया, पानी चेतावनी के निशान से ऊपर पहुंच गया। खतरे के निशान से तीन सेंटीमीटर ऊपर बह रहा पानी

रविवार दोपहर चार बजे यमुना का जलस्तर 108.03 मीटर रिकार्ड किया गया, जो खतरे के निशान 108 मीटर से तीन सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गया। यमुना का जलस्तर लगभग 35 सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ा है। जल आयोग के मुताबिक रविवार दोपहर तक जलस्तर बढ़ने में कुछ गिरावट आई है। जलस्तर 10 से 15 सेंटीमीटर प्रतिघंटे की स्पीड से बढ़ रहा है। रेलवे ब्रिज व पुल से दिखता रौद्र रूप

नगर में रेलवे ब्रिज व पुल से देखने पर यमुना की बाढ़ का रौद्र रूप स्पष्ट नजर आता है। किलाघाट की सभी सीढियां डूब चुकी हैं। यमुना पट्टी के गांवों में बाढ़ से हड़कंप मचा है। प्रशासन बराबर नजरे जमाए हुए है और बाढ़ राहत चौकियां भी अलर्ट कर दी गई हैं। नगर से मंगरौल जाने वाले मार्ग पर चल रही नाव

नगर के व्यास मंदिर के सामने से मंगरौल जाने वाली सड़क पर जौधर नाले पर शनिवार को ही नाव चलने लगी थी लेकिन शनिवार की रात से रविवार की दोपहर तक यमुना का जलस्तर लगभग आठ मीटर बढ़ जाने से जौधर नाला रपटा के ऊपर सड़क तक पानी आ गया। इससे यमुना पट्टी के गांवों का संपर्क तहसील मुख्यालय से कट गया। कई गांवों का कटा संपर्क

इस मार्ग पर कीरतपुर, हीरापुर, गुढाखास, देवकली, मंगरौल, नया पुरवा, पड़री, नरहान आदि गांवों के लोगों का आवागमन नाव के सहारे हो रहा है। नाव वाले एक बाइक व एक सवारी का 30 रुपये ले रहे हैं। व्यास मंदिर से थोड़ा आगे चलने पर सड़क पर ही इतना पानी है कि वहां से ही नाव चलाई जा रही है। लोग बुरी तरह परेशान हैं। यमुना पट्टी के गांवों में लोग रात रात भर जागकर बाढ़ पर नजर रख रहे हैं और दहशत में हैं। बाढ़ में डूबी निर्माण सामग्री व मशीनें

लापरवाही के चलते जौधर रपटे पर पुल का निर्माण करवा रही उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निर्माण निगम की मशीनें व सामग्री यमुना की बाढ़ में डूब गईं। क्रेन, जनरेटर के अलावा वहां पर रखी सामग्री बाढ़ में पूर्णत डूब गई। सेतु निर्माण निगम ने सामग्री व मशीनरी हटाने का प्रयास भी नहीं किया। ग्रामीणों ने बताया कि अब बाढ़ के बाद निर्माण निगम बाढ़ की आड़ में हजारों का नुकसान दिखाएगा। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से मांग की है कि मामले को संज्ञान में लेकर कार्रवाई की जाए। किसान हुआ बर्बाद

यमुना में आई बाढ़ के बाद यमुना पट्टी के गांवों के समीप तक बाढ़ का पानी पहुंच गया है। सैकड़ों किसानों की खरीफ की फसल पानी में डूब चुकी है। इससे किसानों का भारी नुकसान हुआ है। अब गुजारे के लिए अन्नदाता चितित हैं। जीतामऊ से लेकर इकौना, महेबा व कदौरा ब्लाक के लगभग 70 किमी तक दो दर्जन गांव के किसानों की ज्वार, बाजरा, तिली, मूंग, उर्द, मूंगफली व सब्जी की फसलें बाढ़ में समा चुकी हैं। खेतों में बाढ़ का पानी भर चुका है। यमुना पट्टी के गांव में टमाटर, मिर्चा, लौकी, तुरई, परवल आदि सब्जी की फसलें बड़े पैमाने पर बोई गई थीं जो पूर्णत: बाढ़ की चपेट में समा गई हैं। खेत पानी से लबालब हैं और चारों ओर बाढ़ ही बाढ़ दिखाई दे रही है। मंगरौल के किसान सुरेंद्र दुबे ने बताया कि गांव के आसपास के मौजे में बाढ़ का पानी भरा है। खेत गलियां सब डूबे हैं। पूरी फसल चौपट हो गई हैं। कल्लू पाल बताते हैं कि हर साल बाढ़ में फसल डूबकर बर्बाद हो जाती है। किसान कराह कर रह जाता है। इस बार भी फसल चौपट हो गई है। आज तक कभी मुआवजा नहीं मिला। भोजराज बताते हैं कि कड़ी मेहनत के बाद तिली व सब्जी की फसल बोई थी जो कि बाढ़ से बर्बाद हो गई है। अब तो लागत भी डूब गई कर्ज लेकर फसल बोई थी अब खाने के लाले पड़ जाएंगे। धीरज चौहान बताते हैं कि जौधर रपटे पर नाव से आवागमन किया जा रहा है। जो कि खतरे से भरा है। पानी का स्तर बहुत ऊपर तक है जरा सी चूक लोगों की जान ले सकती है। यमुना की बाढ़ पर नजर रखी जा रही है। किसानों की फसल के नुकसान का आकलन कराया जाएगा। सभी बाढ़ राहत चौकियों को अलर्ट कर दिया गया। पल पल की अपडेट ली जा रही है। कोतवाल को व्यास मंदिर के आगे पुलिस तैनात करने के निर्देश दिए जा चुके हैं, जिससे नाविक मनमानी न कर सकें।

भैरपाल सिंह, उपजिलाधिकारी कालपी इस तरह बढ़ा जलस्तर

गुरुवार - 99.09 मीटर

शुक्रवार - 99.33 मीटर

शनिवार - 100.55 मीटर

रविवार - 107.85 मीटर

रविवार 4 बजे 108.03 मीटर

चेतावनी का निशान - 107.00 मीटर

खतरे का निशान - 108.00 मीटर


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