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खतरे के निशान के करीब यमुना, खेतों में फसल डूबी

एक दर्जन गांवो का सम्पर्क टूटा यमुना में बाढ़ आ जाने से यमुना पट्टी के हीरापुर देवकली कीरतपुर मैनूपुर शेखपुर गुढ़ा गुढ़ा खास मंगरौल हीरापुर पड़री नरहान दहेलखडं आदि गांवों का संपर्क जौंधर नाले पर बने रपटे पर बाढ़ का पानी आ जाने से तहसील मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। लोग 25 किमी का चक्कर लगाने के बाद ही तहसील मुख्यालय पहुंच पा रहे हैं। छात्र छात्राओ व यमुना पट्टी के गांवों के परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों को विद्यालय आवागमन में परेशानी हो रही है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 12 Sep 2019 05:56 PM (IST)Updated: Sat, 14 Sep 2019 06:26 AM (IST)
खतरे के निशान के करीब यमुना, खेतों में फसल डूबी
खतरे के निशान के करीब यमुना, खेतों में फसल डूबी

संवाद सहयोगी, कालपी : यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। बुधवार से लेकर गुरुवार तक यमुना का जलस्तर करीब चार मीटर से ज्यादा बढ़ चुका है। जलस्तर की रफ्तार देख नदी किनारे बसे गांवों के लोगों की धड़कनें बढ़ने लगी हैं। किसानों के खेतों में खड़ी फसल पानी में डूबने लगी हैं। कालपी से मंगरौल जाने वाले जौधर रपटे पर पानी बहने लगा, जिससे नाव के सहारे लोग आवागमन कर रहे हैं। बढ़ते जलस्तर को देख प्रशासन भी सतर्क हो गया।

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यमुना में बाढ़ के चलते यमुना पट्टी के गांवों में लोग दहशत में हैं। व्यास मंदिर से मंगरौल जाने वाली सड़क पर जौधर नाले के रपटे पर बाढ़ का पानी आ जाने से लोगों को नाव का सहारा लेना पड़ रहा है। नगर के घाट भी बाढ़ के पानी में डूब चुके हैं। यमुना खतरे के निशान से करीब डेढ़ मीटर नीचे बह रही हैं। पिछले 24 घंटे में यमुना का जलस्तर लगभग चार मीटर तक बढ़ा है। बुधवार को यमुना का जलस्तर 102.90 मीटर था। केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक गुरुवार दोपहर दो बजे यमुना का जलस्तर 106.47 मीटर दर्ज किया गया। 30 से 35 सेमी. प्रति घंटे के हिसाब से बढ़ा पानी

यमुना का जलस्तर 30 से 35 सेमी. प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ा है। गुरुवार की दोपहर के बाद तीन से चार सेमी. की स्पीड से बढ़ रहा है। फिलहाल अभी यमुना खतरे के निशान 108 मीटर से लगभग डेढ़ मीटर नीचे बह रही है। हालांकि चेतावनी निशान 107 मीटर के करीब पहुंच गई। यमुना में आई बाढ़ से यमुना पट्टी के गांवों में हड़कंप मचा है। हालांकि अभी किसी गांव तक बाढ़ का पानी नहीं पहुंच सका है। उधर, व्यास मंदिर से मंगरौल जाने वाले रोड पर जौधर नाले के ऊपर बाढ़ का पानी बह रहा है जिससे लोगों को नाव का सहारा लेना पड़ रहा है। नगर के किलाघाट, पीला घाट, ढोड़ेश्वर घाट पानी में डूब चुके हैं और दोनों पुलों के बीच बाईघाट भी पूरी तरह से डूब चुका है। एक दर्जन गांवों का संपर्क टूटा

यमुना में बाढ़ आने से यमुना पट्टी के हीरापुर, देवकली, कीरतपुर, मैनूपुर, शेखपुर गुढ़ा, गुढ़ा खास, मंगरौल, हीरापुर, पड़री, नरहान, दहेलखडं आदि गांवों का संपर्क टूट गया है। जौधर नाले पर बने रपटे पर बाढ़ का पानी आ जाने से तहसील मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। लोग 25 किमी का चक्कर लगाने के बाद ही तहसील मुख्यालय पहुंच पा रहे हैं। छात्रों व यमुना पट्टी के गांवों के परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों को विद्यालय आवागमन में परेशानी हो रही है। फसल भी चौपट

अगस्त माह मे आई बाढ़ से यमुना किनारे जीतामऊ से लेकर कदौरा ब्लाक के इकौना तक दो दर्जन गांवों की फसलें बाढ़ से तबाह हो गई थीं। जिसको लेकर किसान बेहद परेशान थे। बाढ़ के बाद किसान खेतों में जो बची खुची फसल थी, उसे सहेजने में लगे थे लेकिन तभी बुधवार को आई बाढ़ ने तबाह कर दिया। अब किसान पूरी तरह से बर्बाद हो चुका है।

एसडीएम भैरपाल सिंह ने बताया कि यमुना का जलस्तर बढ़ रहा है। क्षेत्र की सभी बाढ़ राहत चौकियों को अलर्ट कर दिया गया है। जलस्तर पर नजर रखी जा रही है। ग्रामीणों से अपील की है कि यदि कोई परेशानी हो तो वे सीधे फोन से संपर्क कर सकते हैं। उनकी हर सम्भव सहायता की जाएगी।


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