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नून नदी पर बने चेकडैम से रुकी पानी की बर्बादी

संवाद सूत्र महेबा हर वर्ष गर्मियों मे भूगर्भ जलस्तर घटने से जल संकट पैदा हो जाता है जिससे उबरने के लिए सरकार जल संचय के प्रयास में जुटी है। पिथऊपुर के पास नून नदी पर चेकडैम बनाकर पानी की बर्बादी को रोकने का काम किया गया है। बारिश का पानी रोकने की इस चेकडैम में खासी क्षमता है। गर्मी के महीनों में भी चेकडैम का पानी पशुओं के पीने के काम आ रहा है। रबी की फसल में किसान सिचाई कर लेते हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 10 Apr 2021 06:29 PM (IST)Updated: Sat, 10 Apr 2021 06:29 PM (IST)
नून नदी पर बने चेकडैम से रुकी पानी की बर्बादी
नून नदी पर बने चेकडैम से रुकी पानी की बर्बादी

संवाद सूत्र, महेबा : हर वर्ष गर्मियों मे भूगर्भ जलस्तर घटने से जल संकट पैदा हो जाता है जिससे उबरने के लिए सरकार जल संचय के प्रयास में जुटी है। पिथऊपुर के पास नून नदी पर चेकडैम बनाकर पानी की बर्बादी को रोकने का काम किया गया है। बारिश का पानी रोकने की इस चेकडैम में खासी क्षमता है। गर्मी के महीनों में भी चेकडैम का पानी पशुओं के पीने के काम आ रहा है। रबी की फसल में किसान सिचाई कर लेते हैं।

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गर्मी शुरू होते ही ग्रामीण क्षेत्र में पानी की समस्या को लेकर चिता बढ़ जाती है। अब हर कोई पानी की बर्बादी रोकने के लिए फिक्र कर रहा है। क्योंकि पानी के बगैर सभी का जीवन अधूरा है। ग्राम पिथऊपुर के पास से गुजरी नून नदी पर लघु सिचाई विभाग ने एक दशक पहले चेकडैम का निर्माण कराया था। ग्रामीणों ने बताया कि इस चेकडैम से लोगों को दोहरा लाभ मिल रहा है। एक तो नदी पार करने में चेकडैम रफटे का काम करता है। वहीं बारिश का पानी जो बहकर बर्बाद हो जाता था अब इसी चेकडैम में संचय हो रहा है। पूर्व प्रधान राम सुमिरन सिंह ने बताया कि एक दशक पहले जब नदी पर चेकडैम नहीं बना था तो इस नदी का पानी बहकर यमुना नदी में समा जाता था। चेकडैम बनने के बाद बारिश के पानी की बर्बादी रुक गई है। सर्दियों में 1 किमी की दूरी तक पानी भरा रहता है। जिससे 50 एकड़ से अधिक भूमि की सिचाई पंपसेट के माध्यम से किसान कर लेते हैं। पूरे साल पशुओं के पानी की किल्लत नहीं होती है। नदी का पानी जब बहकर चला जाता था उस समय गर्मियों में गांव के कुएं एवं हैंडपंपों का जलस्तर घट जाता था जिससे जल संकट की संभावनाएं बढ़ जाती थीं। चेकडैम में जल संचय होने से पीने का पानी आसानी से मिल रहा है। कोट

नून नदी की जलधारा अनवरत रखने के लिए जिलाधिकारी के निर्देशन पर सिल्ट सफाई की कार्ययोजना तैयार की गई है। जिससे कि नून नदी के पानी का ग्रामीणों को लाभ मिलता रहेगा तथा बारिश के पानी का जल संचय होगा।

अश्विनी कुमार सिंह, बीडीओ


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