राम की शरण में पहुंचते ही लंका का राजा घोषित हुआ विभीषण
संवाद सहयोगी जालौन रामलीला भवन में चल रहे 17
संवाद सहयोगी, जालौन : रामलीला भवन में चल रहे 172वें महोत्सव में विभीषण के भगवान श्रीराम के शरण में जाने तथा अंगद-रावण के बीच हुए चुटीले संवाद का भरपूर आनंद श्रोताओं ने उठाया।
द्रश्य की शुरुआत समुद्र किनारे राम की सेना के जमावड़े से हुई। राम सेना समुद्र से आगे जाने का रास्ता तलाश रही होती है। उधर, रावण दरबार में विभीषण राम से युद्ध न करने की सलाह देता है लेकिन रावण उसे लात मारकर बाहर निकाल देता है। यहां से विभीषण निकलकर राम की शरण में जा पहुंचता है। विभीषण को श्रीराम लंका का राजा घोषित कर देते हैं। इस दौरान उपस्थित श्रद्धालु श्रीराम के जयकारे लगाते हैं। दूसरे ²श्य में रावण के भव्य दरबार में अंगद पहुंचते हैं। अंगद धर्म द्रष्टि का हवाला देते हुए रावण को युद्ध न करने की नसीहत देते हैं, लेकिन रावण तर्क-वितर्क शुरू कर देता है। दोनों के बीच चुटीले संवाद आरंभ हो जाते हैं। इनका दर्शक भरपूर लुत्फ उठाते हैं। आखिर में अंगद चेतावनी देकर चले जाते हैं। भगवान राम के जयकारों के साथ आज की लीला का समापन हुआ।