सब्जियों की महंगाई ने बिगाड़ा 'रसोईघर का बजट'
जागरण संवाददाता उरई जो मूली किसान आठ रुपये
जागरण संवाददाता, उरई : जो मूली किसान आठ रुपये किलो में बेच रहा है, वही हमारे और आपके घरों तक फुटकर में 45 रुपये किलो तक पहुंच रही है, यानि पांच गुना से अधिक दाम चुकाने पड़ रहे हैं। यही हाल बैगन का है जो फुटकर में तीस रुपये किलो बिक रहा है। विटामिन सी जो इस समय अधिक जरूरी है नीबू फुटकर में 70 रुपये किलो में बिक रहा है। कोरोना काल में जहां चिकित्सकों द्वारा लोगों को हरी सब्जी खाने की सलाह दी जा रही है, वहीं सब्जियों में फुटकर मंहगाई बम से आम आदमी के लिए हरी सब्जी खरीदकर खाना टेढ़ी खीर साबित हो रही है। इससे पहले लॉकडाउन के दौरान फिर भी सब्जियों के दाम नियंत्रण में थे। बाजार के जानकार कहते हैं यह बिचौलियों का खेल है फुटकर बाजार का कोई निगरानी तंत्र न होने से आम आदमी की जेब में डाका डाला जा रहा है। लॉकडाउन में छूट के कारण बहुत सारे लोगों ने अन्य व्यवसाय छोड़कर सब्जी बेचने का काम शुरु कर दिया था। उस समय सप्लाई के चेन टूट रही थी। लेकिन अनलॉक होने पर जब बाजार में आराम से सब्जी पहुंच रही फिर भी लोगों को मंहगाई बम फूट जाने से सब्जियों से दूर कर रहा है।
इलाके अनुसार बदल जाते हैं सब्जियों के दाम :
सब्जी बिक्रेता का पूरा गणित फिक्स है। वह इलाका तय करके मंडी से निकली सब्जी के रेट तय कर देते हैं। शहर में शिमला मिर्च 100 रुपये किलो के हिसाब से फुटकर में बिक रहा है। सभी सब्जियों का दाम बिक्रता तय कर देते हैं।
दाम आसमान पर किसानों को नहीं मिल रहा लाभ :
जो किसान सब्जियों को उगाने के लिए दिन रात मेहनत कर सब्जियां बाजार तक पहुंचाता है, वह बहुत ही सस्ते दामों में खरीदा जा रहा है। खरीद के बाद वही माल पांच गुना से अधिक दामों में बिक रहा है इससे किसानों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। बिचौलियों ने पूरे जिले में अपना जाल बिछा रखा है। किसान माल खरीद के दाम और फुटकर विक्रेता के दाम में पांच गुना से अधिक का अंतर बताता है कि बिचौलिए मोटी रकम कमा रहे हैं।
सदर बाजार के मंडी में सब्जियों के दाम :
सब्जी : थोक मूल्य : फुटकर मूल्य
टमाटर 35 50
शिमला मिर्च 80 100
अदरक 40 50
नीबू 50 70
आलू 35 40 प्याज 30 40
धनिया 150 200
भिडी, परवल 40 60
हरी मिर्च 60 100 बोले किसान :
हमारी दो बीघा जमीन में मूली व पालक ,बैगन है। जिसमे मूली रेट मंडी में 40 रुपये की 5 किलो व पालक 50 रुपये की 5 किलो और बैगन 80 रुपये के पांच किलो के दाम मिल रहे हैं। किसानों को वाजिब दाम नहीं मिल रहा है।
- सोहन लाल हमारे पास एक बीघा में मूली की खेती कर रहे है। जो कि मंडी में 40 से 50 रुपये की पांच किलो के हिसाब से बिक रही है, जबकि फुटकर बाजार में 45 की एक किलो बिक रही है। अगर अधिक दाम में बिक रहा है किसानों को भी इसका लाभ मिलना चाहिए।
- कृषक प्रकाश नारायण