सहकारी समितियों पर नहीं मिल रही यूरिया
संवाद सूत्र, रामपुरा : क्षेत्र की सहकारी समितियों में यूरिया खाद नहीं मिल रही है। जिसके का
संवाद सूत्र, रामपुरा : क्षेत्र की सहकारी समितियों में यूरिया खाद नहीं मिल रही है। जिसके कारण किसानों को दूसरी जगह से मनमाने दामों में खाद खरीदनी पड़ रही है। इससे किसानों को समय और पैसों की बर्बादी करनी पड़ रही है। खेतों में समय से खाद नहीं लग पा रही है, जिससे वह बेचैन हैं।
एक ओर तो सरकार किसानों की हर समस्या का तुरंत निस्तारण करने को कटिबद्ध है। वहीं दूसरी तरफ सरकारी खाद भंडारों से खाद नदारद होने से किसानों को परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। रामपुरा क्षेत्र में साधन सहकारी समिति जगम्मनपुर, सिद्धपुरा, टीहर एवं रामपुरा संचालित हैं ताकि क्षेत्रीय किसानों को खाद व बीज के लिए यहां वहां न भटकना पड़े। हालांकि विभागीय उदासीनता के चलते क्षेत्र के किसान खाद के एक एक दाने को भटक रहे हैं।
साधन सहकारी समिति रामपुरा : यह समिति काफी लंबे समय से डिफाल्टर घोषित हो चुकी है। चूंकि इस समिति द्वारा किसानों का कई बार घोटाला किए जाने के कारण इसे डिफाल्टर किया जा चुका है, इसलिए इस समिति पर खाद की आपूर्ति नहीं की जा रही है।
साधन सहकारी समिति सिद्धपुरा : इस समिति को नदिया पार के किसानों को खाद उपलब्ध कराने के उद्देश्य से खोला गया था। आज तक इसका संचालन सिद्धपुरा में नहीं किया गया। फौरी तौर पर रामपुरा में ही इस समिति का संचालन किया जा रहा है। मगर यह समिति ऐसी जगह संचालित है जहां पर न तो कोई साइन बोर्ड और न ही स्टाक बोर्ड लगाया गया है। लोगों को पता भी नहीं चलता कि समिति कहां है। यहां पर तैनात सचिव अतुल कुमार का अता पता ही नहीं रहता है। सहकारी समिति टीहर इस समिति पर तैनात सचिव वीरेंद्र कुमार बताते हैं कि डीएपी तो रखी है लेकिन यूरिया खाद की डिमांड है।
पिछले साल से आधी मात्रा में मिली खाद : सिद्धपुरा समिति पर पिछली बार 120 टन खाद मिली थी लेकिन इस बार सिर्फ 70 टन ही खाद मिली है। वहीं टीहर समिति पर 160 टन की जगह इस बार सिर्फ 80 टन ही खाद मिली है। ऐसा ही जगम्मनपुर समिति का हाल है। वहीं यहां पर पीसीएफ का भी गोदाम है लेकिन हमेशा बंद रहने से किसानों को खाद के लिए दर दर भटकना पड़ रहा है।
क्या बोले जिम्मेदार
इस संबंध में जेडीसी बैंक रामपुरा के शाखा प्रबंधक राकेश सचान का कहना है कि कई दिनों से यूरिया खाद की डिमांड ज्यादा है, अभी जिले में इसे उपलब्ध नहीं कराया गया है। जैसे ही खाद आती है तत्काल किसानों को दी जाएगी।