सड़क से कोतवाली तक ढाई घंटे बेबस दिखी पुलिस
इसके बाद कोतवाली को घेरकर विधायक और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। समर्थकों ने चौराहे के पास की दुकानें बंद करा दीं। अस्पताल जा रहे लोग वाहनों से उतर कर पैदल चल दिए वहीं एंबुलेंस भी जाम में फंस गई।
जागरण संवाददाता, उरई : नगर पालिका अध्यक्ष व सभासद के पति के बीच यह पहला विवाद नहीं हुआ है। पहले भी नगर पालिका में मारपीट की कई घटनाएं हो चुकी हैं। इसमें नीरज राजपूत के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया था। वह मुकदमा भी तब लिखा गया था जब भाजपा के कार्यकर्ता कोतवाली के भीतर धरने पर बैठ गए थे। लोगों का आरोप है कि नीरज राजपूत सदर विधायक का करीबी माना जाता है, इस वजह से पुलिस उसके प्रति नरम रुख अपनाती है। यही वजह है सीओ व कोतवाल के सामने भीड़ खुलकर अपनी नाराजगी दिखा रही थी और पुलिस अफसर लाचार खड़े नजर आ रहे थे। ऐसे में करीब ढाई घंटे तक सड़क से कोतवाली तक पुलिसकर्मी बेबस दिखाई दिए। कोतवाली के भीतर दारोगा से धक्का-मुक्की
कानून व्यवस्था किस कदर छिन्न भिन्न दिखी, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कोतवाली के भीतर ही उप निरीक्षक योगेश पाठक के साथ धक्का-मुक्की कर दी गई। दरअसल, पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए आक्रोश से भरे लोग गाली गलौज पर उतारू हो गए थे। दारोगा योगेश पाठक ने गालियां दे रहे लोगों को संभलकर बात करने की नसीहत दी, लेकिन यह दांव उल्टा पड़ गया, भीड़ ने उन्हें निशाने पर लेते हुए धक्का मुक्की शुरू कर दी। बाद में सीओ सिटी संतोष कुमार ने लोगों को संभाला। भाजपा के जिलाध्यक्ष नागेंद्र गुप्ता व व्यापारी नेता दिलीप सेठ ने बाद में अराजकता पर उतारू लोगों पर सख्ती दिखाते हुए उन्हें शांत रहने की नसीहत दी। सहमे सहमे दिखे सदर विधायक
पार्टी के नेताओं व कार्यकर्ताओं के निशाने पर आने से सदर विधायक गौरी शंकर वर्मा सहमे सहमे नजर आए। उनके खिलाफ न सिर्फ नारेबाजी की गई बल्कि खूब अपशब्दों का प्रयोग किया। उन्हें भी इस बात का अंदाजा नहीं होगा कि भीड़ उनके पहुंचने के बाद बदसलूकी कर सकते हैं। जैसे ही वे कोतवाली पहुंचे, उन्हें देखते ही गुस्साए लोगों ने नारेबाजी शुरू कर दी। भीड़ ने उन्हें घेरने की कोशिश की। अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं के ऐसे रुख से सदर विधायक असहज नजर आए। बाजार बंद कराने की कोशिश, दुकानदारों ने नहीं दिया साथ
कोतवाली में हंगामा कर रहे लोगों को कुछ लोगों ने बाजार बंद कराने की दिशा में मोड़ दिया। हर सड़क पर अवरोध खड़े कर नाकेबंदी करने के बाद भीड़ बाजार की तरफ चल दी। हालांकि यहां पर उनकी कोशिश नाकाम रही। भीड़ को देख दुकानदार सहमे जरूर, लेकिन उनकी बात मानने से इनकार कर दिया। कुछ दुकानदारों ने तो पालिका अध्यक्ष को ही निशाने पर रखा। फंसी एंबुलेंस, कराह गए मरीज व तीमारदार
शहीद भगत सिंह चौराहे पर जाम में सैकड़ों वाहन फंस गए। इसी कतार में एंबुलेंस भी काफी देर तक फंसी रही। भीड़ पर सायरन का कोई असर नहीं हुआ। मरीज व उसके तीमारदार बेहाल हो गए। हालांकि बाद में भीड़ को समझाकर एंबुलेंस को आगे बढ़ाया जा सका। मुंह छिपाते नजर आए युवक
एक तरफ भीड़ के बीच कुछ युवा अपशब्दों का जमकर प्रयोग कर रहे थे। वाहन चालकों को भी धकियाया गया। भीड़ के बीच मौजूद पुलिस वाले ऐसे लोगों की मोबाइल से फोटो लेने लगे। यह देख कई अपने मुंह चुराते नजर आए कि कहीं वीडियो के जरिए उनकी पहचान न हो जाए। जितने मुंह, उतनी बातें
घटना को लेकर जितने मुंह, उतनी बातें भी जारी रहीं। तमाशबीन लोगों के बीच तरह तरह की चर्चा का दौर जमकर जारी रहा। पालिका में चल रही है उठापटक, खेमेबंदी
दरअसल, नगर पालिका में काफी दिनों से उठापटक चल रही है। सभासदों के दो धड़े बने हुए हैं। पर्दे के पीछे से राजनीतिक दखल जारी है। जिसके चलते कुछ अधिकारियों के खिलाफ भी आए दिन निशाना साधा जा रहा है। सभासदों का एक गुट चेयरमैन के खिलाफ है तो दूसरा समर्थन में खड़ा रहता है।